सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मुकदमे लंबित

क्याः 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमा
कैसेः सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की हलफनामा
कौनः उत्तर प्रदेश सबसे आगे

  • केंद्रीय विधि मंत्रालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में साैंपे हलफनामा के अनुसार देशभर में 1765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ 3045 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं।
  • इनमें सर्वाधिक सांसद व विधायक उत्तर प्रदेश के हैं। उत्तर प्रदेश में 248 सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 539 मुकदमे लंबित हैं।
  • तमिलनाडु दूसरे और बिहार तीसरे, पश्चिम बंगाल चौथे और आंध्र प्रदेश पांचवें स्थान पर है।
  • ये आंकड़े केंद्र सरकार ने देशभर के उच्च न्यायालयों से एकत्र करके सर्वोच्च न्यायालय में पेश किए हैं।
  • हलफनामा के अनुसार कुल आपराधिक मामले 3816 थे जिनमें से 771 का निपटारा हो चुका है।
  • ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर केंद्र सरकार से कहा था कि वह 2014 में नामांकन भरते समय आपराधिक मुकदमा लंबित होने की घोषणा करने वाले विधायकों और सांसदों के मुकदमों की स्थिति बताए। सरकार को यह बताना था कि इनमें से कितनों के मुकदमे सर्वोच्च न्यायालय के 10 मार्च 2014 के आदेश के मुताबिक एक वर्ष के भीतर निपटाए गए। इसके अलावा कितने मामलों में सजा हुई और कितने बरी हुए।
  • सरकार से न्यायालय ने यह भी पूछा था कि वर्ष 2014 से 2017 के बीच कितने मौजूदा और पूर्व विधायकों व सांसदों के खिलाफ नए आपराधिक मामले दर्ज हुए।
  • याचिकाकर्त्ता ने अपनी याचिका में सजायाफ्रता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगाने की मांग की है।
  • फिलहाल जो कानून है उसके मुताबिक सजा के बाद जेल से छूटने के छह वर्ष तक चुनाव लड़ने की अयोग्यता है। इसके बाद व्यत्तिफ़ चुनाव लड़ सकता है।



Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *