तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रोटोकॉल को कैबिनेट की मंजूरी

क्याः तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रोटोकॉल
कबः 2 मई, 2018
क्योंः तम्बाकू नियंत्रण को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 2 -मई, 2018 को तम्बाकू उत्पादों में अवैध व्यापार को समाप्त करने के लिए तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के रूपरेखा समझौते के अंतर्गत प्रोटोकॉल (World Health Organization Framework Convention on Tobacco Control: WHO FCTC) को स्वीकार करने की स्वीकृती दी है।
  • यह ध्रूमपान और तम्बाकू चबाने या धुआं रहित तम्बाकू (एसएलटी) रूपों में तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रूपरेखा समझौते की धारा 15 के अंतर्गत समझौता वार्ता (डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी) और अंगीकार रूप में लागू होगा।
  • भारत डब्लूयएचओ एफसीटीसी समझौतें में शामिल है।
  • प्रोटोकॉल से नियमों को मजबूत बनाकर तम्बाकू उत्पाद में अवैध व्यापार की समाप्ति से व्यापक तम्बाकू नियंत्रण को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और इससे तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल कम होगा और परिणामस्वरूप बीमारी बोझ में कमी आएगी और तम्बाकू के इस्तेमाल के कारण होने वाली मृत्यु में भी कमी होगी।
  • ऐसी संधि को मान लेने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले वर्तमान व्यवहारों के विरुद्ध कार्रवाई योग्य विकल्प उपलब्ध होंगे। भारत तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में अग्रणी है और ऐसे अवैध व्यवहार को नियंत्रित करने में विश्व सीमा शुल्क संगठन सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को प्रभावित करने में समक्ष होगा।
  • तम्बाकू के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को मजबूत बनाने में तम्बाकू उत्पाद में अवैध व्यापार की समाप्ति से संबंधी प्रोटोकॉल पथ प्रदर्शक पहल है और सार्वजनिक स्वास्थ्य में नया कानूनी उपाय भी है। यह तम्बाकू उत्पादों में अवैध व्यापार का मुकाबला करने और उसे समाप्त करने तथा अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सहयोग के लिए कानूनी पहलुओं को मजबूत बनाने का व्यापक औजार है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रोटोकॉल (डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी)

  • तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रोटोकॉल (डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी) डब्ल्यूएचओ के तत्वाधान में की गई पहली अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि है।
  • इसे जेनेवा में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा में 21 मई, 2003 को स्वीकार किया गया था। यह प्रोटोकॉल 27 फरवरी, 2005 को प्रभावी हुआ।
  • एफसीटीसी का उद्देश्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण के लिए आपूर्ति मांग कटौती उपायों की रूपरेखा उपलब्ध कराना है।
  • डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी की धारा 15 में शामिल प्रमुख तम्बाकू आपूर्ति कटौती रणनीति में सभी तरह के अवैध व्यापार यानी तस्करी, अवैध निर्माण तथा जालसाजी सहित सभी तरह के अवैध व्यापार की समाप्ति की परिकल्पना की गई है। इसी के अनुरूप यह प्रोटोकॉल विकसित किया गया है और सम्मेलन में शामिल पक्षों (सीओपी) द्वारा अपनाया गया है। सीओपी एफसीटीसी की गवर्निंग बॉडी है। प्रोटोकॉल दस भागों में विभाजित है और इसमें 47 धाराएं है।
  • प्रोटोकॉल में विभिन्न पक्षों के दायित्व निर्धारित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सप्लाई चैन नियंत्रण उपाय सभी पक्षों द्वारा अपनाए जाने चाहिए। इन उपायों में तम्बाकू उत्पाद बनाने के लिए लाइसेंस, तम्बाकू बनाने के लिए मशीनीरी, उत्पादन में शामिल पक्षों के लिए उचित उद्यम, ट्रैकिंग और ट्रैसिंग व्यवस्था, रिकॉर्ड कीपिंग और सुरक्षा शामिल हैं। ई-कॉमर्स, मुक्त व्यापार क्षेत्रों में निर्माण, तथा शुल्क मुक्त बिक्री में शामिल पक्षों द्वारा कदम उठाए जाएंगे।
  • प्रोटोकॉल में अपराधों, जब्ती तथा जब्त उत्पादों के निस्तारण जैसे प्रवर्तन उपायों को शामिल किया गया है। इसमें सूचना साझा करने, गोपनीयता बनाए रखने, प्रशिक्षण, वैज्ञानिक तथा तकनीकी और प्रौद्योगिकी मामलों में तकनीकी सहायता और सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का प्रावधान किया गया है।

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