पुनर्गठित ‘राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान’ को मंजूरी

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 21-अप्रैल, 2018 को पुनर्गठितकेंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को स्वीकृति दे दी।
  • इस योजना का विस्‍तार देश के सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा और इसमें गैर-भाग IX में जहां पंचायतें नहीं हैं, ग्रामीण स्‍थानीय सरकार के संस्‍थान शामिल होंगे।
  • योजना में केंद्र और राज्‍य दोनों के घटक होंगे। केंद्रीय घटक में ‘तकनीकी सहायता के लिए राष्‍ट्रीय योजना’, ई पंचायत परमिशन मोड परियोजना और पंचायतों के प्रोत्‍साहन सहित राष्‍ट्रीय स्‍तर की गतिविधियां होंगी तथा राज्‍य घटक में पंचायती राज्‍य संस्‍थानों काक्षमता सृजन होगा।
  • केंद्रीय घटक का वित्‍त पोषण पूरी तरह भारत सरकार करेगी लेकिन राज्‍य घटक के लिए केंद्र : राज्‍य धन पोषण व्‍यवस्‍था सभी राज्‍यों के लिए 60 : 40 होगी। पूर्वोत्‍तर तथा पवर्तीय राज्‍यों में केंद्र राज्‍य वित्‍त पोषण का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल सहित और बिना विधानमंडल के) के लिए केंद्रीय हिस्‍सेदारी 100 प्रतिशत होगी।
  • सतत विकास ल्‍क्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए योजना के क्रियान्‍वयन और निगरानी गतिविधयों को सामान्‍य रूप से आपस में जोड़ा जाएगा और मुख्‍य बल मिशन अंत्‍योदय के अंतर्गत चिन्हित पंचायतों और नीति आयोग द्वारा चिंन्हित 115 आकांक्षी जिलों पर होगा।
  • यह योजना अन्‍य मंत्रालयों के क्षमता सृजन प्रयासों को मिलाएगी और उन मंत्रालयों पर फोकस किया जाएगा जिन पर इस योजना का अधिक प्रभाव होगा।
  • आरएसजीए की समाप्ति की तिथि 31.3.2030 होगी।
  • कवरेज: इस योजना का विस्‍तार देश के सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा। योजना में गैर IX क्षेत्रों में जहां पंचायतें नहीं हैं वहां के ग्रामीण स्‍थानीय शासन के संस्‍थानों को भी शामिल किया जाएगा।
  • व्यय : यह योजना 7255.50 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 1.4.2018 से 31.3.2022 के दौरान लागू की जाएगी। योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 4500 करोड़ रुपये की होगी और राज्य की हिस्सेदारी 2755.50 करोड़ रुपये की होगी।
  • प्रभाव : आरएसजीए की स्‍वीकृति योजना 2.55 लाख से अधिक पंचायती राज संस्‍थानों को सतत विकास लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की शासकीय क्षमता विकसित करने में मदद देगी। यह कार्य उपलब्‍ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर फोकस के साथ समावेशी स्‍थानीय शासन के जरिये होगा। सतत विकास लक्ष्‍य के ये प्रमुख सिद्धांत हैं किसी को पीछे नहीं छोड़ते हुए तेजी से पहले पहुंचना और इसमें प्रशिक्षण मॉड्यूल तथा सामग्रियों सहित सभी क्षमता निर्माण कार्रवाइयों में लैंगिक सामानता के साथ सार्वभौमिक कॉवरेज की डिजाइन अंतरनिहित होगी। राष्‍ट्रीय महत्‍व के विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी जो वंचित समूहों को प्रभावित करते हैं यानी गरीबी, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍यसेवा, आहार, टीकाकरण, स्‍वच्‍छता, शिक्षा, जलसंरक्षण, डिजिटल लेन-देन आदि।
  • यह योजना मिशन अंत्‍योदय तथा नीति आयोग द्वारा चिन्हित 115 आकांक्षी जिलों द्वारा व्‍यावहारिक संमिलन को ध्‍यान में रखते हुए बनाई गई है। पंचायतों में अनु‍सूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं का प्रतिनिधित्‍व होता है और यह संस्‍थान जमीन से जुड़े होते हैं इसलिए पंचायतों को मजबूत बनाने से सामाजिक न्‍याय और समुदाय के आर्थिक विकास के साथ समानता और समावेशन को प्रोत्‍साहन मिलेगा।
  • पंचायती राज्‍य संस्‍थानों द्वारा ई-गवर्नेंस के बढ़ते इस्‍तेमाल से सुधरी हुई सेवा डिलीवरी और पारदर्शित हासिल करने में मदद मिलेगी।
  • इस योजना से ग्राम सभाओं को मजबूती मिलेगी और ग्रामसभाएं नागरिकों विशेष कर कमजोर समूहों के समाजिक समावेश के साथ कारगर संस्‍थान के रूप में काम करेंगी।
  • यह योजना राष्‍ट्रीय राज्‍य और जिला स्‍तर पर पर्याप्‍त मानव संसाधन और संरचना के साथ पंचायती राज्‍य संस्‍थानों की क्षमता सृजन के लिए संस्‍थापक ढांचे की स्‍थापना करेगी। पंचायतों को राष्‍ट्रीय महत्‍वपूर्ण आधार पर प्रोत्‍साहन देकर मजबूत बनाया जाएगा। इससे पंचायतों में स्‍पर्धा की भावना बढ़ेगी।
  • कार्यान्‍वयन: केंद्र सरकार और राज्‍य सरकारें अपनी-अपनी भूमिकाओं के लिए स्‍वीकृत गतिविधियों को लागू और पूरा करने के लिए कदम उठाएंगी। राज्‍य सरकार अपनी प्रा‍थमिकताओं और आवश्‍यकता के अनुसार केंद्रीय सहायता के लिए अपना वार्षिक कार्ययोजना तैयार करेगी। यह योजना मांग प्रेरित रूप में लागू की जाएगी।
  • पृष्‍ठभूमि:
  • वित्‍त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में सतत विकास लक्ष्‍यों पर कार्य करने के लिए पंचायती राज संस्‍थानों की शासन क्षमता विकि‍सत करने के लिए पुनर्गठित राष्‍ट्रीय ग्राम स्‍वराज अभियान (आरजीएसए) योजना की घोषणा की थी।
  • मंत्रालय की वर्तमान योजना को राष्‍ट्रीय ग्राम स्‍वराज अभियान के रूप में नया रूप देने के लिए नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष की अध्‍यक्षता में एक समिति बनाई गई थी।
  • समिति ने विभिन्‍न हितधारकों के साथ अनेक बैठकें की और परामर्श किया। समिति ने अनेक सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट दी जिसे सरकार द्वारा स्‍वीकार किया गया और यह योजना बनाने का आधार बना।
  • 2017-18 के अपने बजट भाषण में वित्‍त मंत्री ने 50 हजार ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्‍त बनाने के लिए 1 करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाने के लिए मिशन अंत्‍योदय की घोषणा की थी। इसी के अनुसार मिशन अंत्‍योदय का इस योजना के साथ एकीकरण किया गया है।

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