आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण (डीआरआर) विषय पर पहली भारत-जापान कार्यशाला

क्या: आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण कार्यशाला
कहाँ: नयी दिल्ली
कब: 19-20 मार्च 2018

  • नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने नई दिल्ली में 19 मार्च 2018 को आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण (डीआरआर) विषय पर पहली भारत-जापान कार्यशाला का उद्घाटन किया।
  • दो दिवसीय कार्यशाला (19-20 मार्च ) का आयोजन संयुक्‍त रूप से गृह मंत्रालय, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और जापान सरकार द्वारा किया जा रहा है।
  • यह कार्यशाला ‘सितंबर 2017 में आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण पर दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन के तहत सहमत पहलों के औपचारिक कार्यान्‍यवन की शुरूआत है।
  • सेंडाई (जापान ) में आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण, पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर और न्‍यूयार्क में सतत विकास के लक्ष्‍यों को लेकर की गई प्रतिबद्धताओं पर चर्चा करते हुए विशेष रूप से आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण के क्षेत्र में प्रतिबद्धताओं के कार्यान्‍वयन में देशों की भूमिका पर बल दिया गया , क्‍योंकि निवेश के परिणाम आसानी से नजर नहीं आ रहे है।
  • डॉ. राजीव ने छह पक्षीय दृष्टिकोण रखे ;
    1. जोखिम की पहचान,
    2. जोखिम कम करना,
    3. तैयारी,
    4. वित्‍तीय सुरक्षा,
    5. अस्‍थायी पुनर्निर्माण और
    6. सामाजिक जागरूकता के जरिए आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण।
  • विनाशकारी प्राकृ‍तिक आपदाओं से निपटने के लिए नागरिकों को तैयार करने में शिक्षा और स्‍कूल की भूमिका पर भी चर्चा हई ।
    जोखिम से जुड़े निवेश को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ साझेदारी बढ़ाने की भूमिका पर बल दिया गया ।
  • प्राकृतिक आपदा न्‍यूनीकरण के अंतर्राष्‍ट्रीय दशक (आईडीएनडीआर) के शुरूआती दिनों से लेकर योकोहामा रणनीति तक तथा
  • ह्योगो फ्रेमवर्क से लेकर से वर्तमान सेंडाई फेमवर्क तक इस क्षेत्र में जापान की वैश्विक नेतृत्‍व की भूमिका की सराहना की गयी ।
    2016 में आपदा जोखिम न्‍यूनीकरण पर एशियाई मंत्री स्‍तरीय सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप भारत आपदा अस्‍थायी बुनियादी ढ़ांचे पर वैश्वि‍क सहयोग की दिशा में कार्य कर रहा है।
  • कार्यशाला में सरकार,तकनीकी संस्थानों,निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित जापान से पचास प्रतिनिधि और भारत से 70 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

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