इसरो द्वारा अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली (Crew Escape System) का परीक्षण

क्याः यात्री बचाव प्रणाली (Crew Escape System)
कबः 5 जुलाई, 2018
कहांः श्री हरिकोटा

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने 5 जुलाई, 2018 को अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली (Crew Escape System) की श्रृंखला में योग्य होने के लिए मुख्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया। यह बचाव प्रणाली परीक्षण के निष्फल होने की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को तीव्रता से परीक्षण यान से सुरक्षित दूरी पर ले जाने की एक प्रणाली है।
  • प्रथम परीक्षण (पैड निष्फल परीक्षण-Pad Abort Test) में लॉन्च पैड पर किसी भी अत्यावश्यकता के अनुसार क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचाने का प्रदर्शन किया।
  • पांच घंटों की सुचारू उल्टी गिनती के बाद श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में सुबह सात बजे पर 12.6 टन की क्षमता वाले कृतिम क्रू मापदण्डों सहित बचाव प्रणाली का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण 259 सेकंड में पूरा हुआ। इस दौरान क्रू बचाव प्रणाली ने अंतरिक्ष में ऊँची उड़ान भरी और बाद में बंगाल की खाड़ी में वृत्ताकार में घूमते हुए अपने पैराशूट्स से पृथ्वी में प्रवेश किया। यह श्री हरिकोटा से 2.9 किमी. की दूरी पर है।
  • यह क्रू मापांक सुरक्षित सात विशेष रूप से बनाई गई तीव्र गति से काम करने वाली ठोस मोटर की ऊर्जा के अन्तर्गत लगभग 2.7 किमी की ऊंचाई तक पहुँचा।
  • इस यान परीक्षण के दौरान लगभग विभिन्न लक्ष्यों वाले 300 संवेदक को रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान बचाव प्रोटोकॉल के तहत मापदण्डों के बचाव के लिए तीन बचाव नौकाओं का इस्तेमाल किया गया।

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