पंजाब तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राष्‍ट्रीय सामान्‍य दस्‍तावेज पंजीकरण प्रणाली (NGDRS) अपनाई गई

  • केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने नई दिल्‍ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी उप रजिस्‍ट्रार कार्यालयों में राष्‍ट्रीय सामान्‍य दस्‍तावेज पंजीकरण प्रणाली-एनजीडीआरएस (National Generic Document Registration System: NGDRS) का उद्घाटन किया।
  • भाषाओं, प्रक्रियाओं, सूत्रों और प्रारूपों के कारण राज्‍य में प्रचलित विविधता और वि‍भिन्‍नताओं का उचित समाधान निकालने के लिए भू-संसाधन विभाग ने राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के जरिए राष्‍ट्रीय सामान्‍य दस्‍तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) विकसित की है, जिसमें सभी राज्‍यों की जरूरतों को शामिल किया गया है।
  • इसे पूरे देश में अपना लिए जाने पर इस सामान्‍य व्‍यापक सॉफ्वेयर से आम जन और कार्यान्‍वयन तथा नियामक एजेंसियां ‘कहीं भी’ आंकड़े और जानकारी हासिल कर सकेंगे। डिजीटल तरीके से पंजीकरण कराने से पार‍दर्शिता भी बढ़ेगी और लोग बगैर किसी परेशानी के लाभान्वित होंगे।
  • अंडमान और निकाबोर द्वीप समूह के सभी 5 उप रजिस्‍ट्रार कार्यालय कंप्‍यूटरीकृत हैं और सभी कार्यालयों में एनजीडीआरएस अपनाई गई है। इसी प्रकार पंजाब में सभी 173 उप रजिस्‍ट्रार कार्यालय भी कंप्‍यूटरीकृत है और उनमें एनजीडीआरएस अपनाई गई है। एनजीडीआरएस का राज्‍यवार उद्घाटन राज्‍य सरकार द्वारा 27 जून, 2018 को एनआईसी की तकनीकी सहायता और सहयोग से किया गया। इसमें एनआईसी पुणे में सॉफ्टवेयर विकसित करने के एकांश और ग्रामीण विकास मंत्रालय के भू-संसाधन विभाग की तकनीकी इकाई शामिल हैं।
  • एनजीडीआरएस प्रणाली शुरू में 3 राज्‍यों (पंजाब, राजस्‍थान, महाराष्‍ट्र) में प्रारंभ की गई थी। 6 और राज्‍य तथा केंद्रशासित प्रदेश (गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, झारखंड, मणिपुर, मिजोरम) इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अतिरिक्‍त 5 राज्‍यों (हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, केरल, उत्‍तराखंड) ने इस सामान्‍य सॉफ्टवेयर को अपनाने में रूचि दिखाई है (एनआईसी ने उन्‍हें मार्गदर्शन और तकनीकी प्रदर्शन दिया है)। विभाग वर्तमान में इन 14 राज्‍यों में एनजीडीआरएस के कार्यान्‍वयन पर ध्‍यान केंद्रित कर रहा है, ताकि उपलब्‍ध कोष का अधिकतम, किफायती, उत्‍पादक और समय-बद्ध तरीके से उपयोग हो सके।
  • डिजीटल भारत भू-रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) : भारत सरकार ने नवीनतम और सही भू-रिकॉर्ड तथा जानकारी तक आसान पहुंच को प्राथमिकता देने के लिए 1 अप्रैल, 2016 से शत-प्रतिशत केंद्र पोषित केंद्रीय क्षेत्र योजना डीआईएलआरएमपी बनाई है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए राष्‍ट्रीय सामान्‍य दस्‍तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस): उप रजिस्‍ट्रार कार्यालयों के कंप्‍यूटरीकरण पर ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है। देश के कुल 5083 उप रजिस्‍ट्रार कार्यालयों में से 4509 कंप्‍यूटरीकृत किए जा चुके हैं और 2769 कार्यालयों को तहसीलों से जोड़ा गया है।

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