डीएसआई प्रौद्योगिकी उपयोग करने वाला देश का पहला थर्मल संयंत्र

फोटो साभारः पिक्साबे

क्याः डीएसआई प्रौद्योगिकी
कहांः एनटीपीसी दादरी
क्योंः SO2 उत्सर्जन में कमी

  • दादरी स्थित एनटीपीसी के तापीय संयंत्र ने SO2 (sulphur dioxide) उत्सर्जन कम करने के लिए डीएसआई (Dry Sorbent Injection : DSI) प्रौद्योगिकी इस्तेमाल करने की घोषणा की है।
  • एनटीपीसी का संयंत्र डीएसआई उपयोग करने वाला देश का पहला संयंत्र होगा। संयंत्र ने वर्ष 2015 के पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन करने के लिए भी इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोयला आधारित ताप संयंत्रें को वर्ष 2019 तक पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन करने का निर्देश दिया है।
  • क्या होती है डीएसआई प्रौद्योगिकी
  • अम्लीय गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए फ्रलयु गैस स्ट्रीम में शुष्क अल्काइन खनिज मिलाने की प्रक्रिया है।
  • यह परंपरागत स्क्रूबर प्रौद्योगिकी की तुलना में कई प्रकार का लाभ प्रदान करता है। जैसे कि; निम्न पूंजीगत लागत, अनुकूल संचालकीय स्थिति तथा संस्थापना एवं आरंभ होने में कम समय।
  • संयंत्र के चालू होने में जहां परंपरागत नम लाइमस्टोन फ्रलु गैस डेस्फ्रलुराइजेशन (wet limestone flue gas desulphurisation: WLFGD) दो वर्षों का समय लेता है वहीं डीएसआई महज 12 से 14 माह का ही समय लेती है।

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