हंपबैक माहसीर अब चरम संकटापन्न प्रजाति

  • हंपबैक माहसीर (hump-backed mahseer) नामक मछली को हाल में आईयूसीएन की लाल सूची में चरम संकटापन्न (Critically Endangered) श्रेणी में डाला गया है। इसका मतलब यह है कि यह मछली संकट के दौर से गुजर रही है और इसका संरक्षण अति आवश्यक हो गया है।
  • माहसीर मछली, जिसे जल का बाघ भी कहा जाता है, वास्तव में बाघ से भी अधिक संकटापन्न है।
  • हाल में ही माहसीर नामक मछली को वैज्ञानिक नाम दिया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम ‘तोर-रेमादेवी’ (Tor remadevii) है। इसे वैज्ञानिक नाम मिलने के पश्चात ही आईयूसीएन (IUCN) की लाल सूची में शामिल किया जा सका था। इसमें केरल विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के राजीव राघवन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • माहसीर मछली केवल कावेरी नदी बेसिन में पाई जाती है जिसमें केरल का पम्बर, काबिनी एवं भवानी नदियां भी शामिल हैं।
    वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत में माहसीर की 16 प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • माहसीर मछली के संरक्षण के लिए शोआल नामक अंतरराष्ट्रीय संगठन प्रोजेक्ट माहसीर का संचालन कर रहा है।

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