नॉन एटेनमेंट सिटीज वर्गीकरण

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने देश के 102 शहरों को प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण उन्हें ‘नॉन एटेनमेंट सिटीज’ (non-attainment cities) का दर्जा दिया हुआ है।
  • ये वे शहर है जो पांच वर्षों से अधिक समय से ‘नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड’ (National Ambient Air Quality Standards: NAAQS) को प्राप्त करने में असफल रहे हैं।
  • इस स्टैंडर्ड (राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक) को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1961 के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 नवंबर, 2009 को अधिसूचित किया गया।
  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के अनुसार अगले तीन वर्षों में इन शहरों में प्रदूषण के स्तर में 35 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • हालांकि इन शहरों में से केवल 73 शहरों ने ही प्रदूषण नियंत्रण के उपायों से संबंधित कार्रवाई योजना सौपी है। अहमदाबाद, बंगलुरू, नागपुर एवं जयपुर जैसे बड़े शहरों ने अभी तक योजनाएं नहीं सौपी हैं।
  • इन 102 शहरों को ‘नेशनल क्लीन एयर कैंपेन’ (National Clean Air Campaign:NCAP) के तहत वायु प्रदूषण कम करने के लिए 42 उपायों का क्रियान्वयन करना है।
  • एनसीएपी के तहत 1000 मैन्युअल वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ज्ञातव्य है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई 2018 में पीएम-2.5 स्तर के मामले में दिल्ली एवं वाराणसी सहित देश के 14 शहरों को विश्व के 20 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल किया था।

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