वैज्ञानिकों द्वारा ‘कूल स्पॉट’ एवं ‘हॉट स्पॉट’ मानचित्र जारी

  • वैज्ञानिकों ने शोध के आधार पर विश्व में ऐसी जगहों की सूची जारी की है जो ‘कूल स्पॉट’ एवं ‘हॉट स्पॉट’ हैं।
  • कूल स्पॉट (Cool spots) से तात्पर्य ऐसी जगहों से हैं जो मानवीय हस्तक्षेपों से सुरक्षित हैं और जो जीवों के लिए अभी भी सुरक्षित जगह हैं। ये जगह प्रजातियों के लिए अंतिम शरण स्थली हैं और प्रजातियों को फलने-फूलने का मौका मिल रहा है। वहीं हॉट स्पॉट (Hot spots) ऐसी जगहें हैं जो जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं परंतु मानवी हस्तक्षेपों के कारण संकटापन्न की स्थिति में हैं।
  • उपर्युक्त अध्ययन प्लॉस बायोलॉजी नामक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें विश्व की 5457 प्रजातियों पर खतरे का मानचित्रण किया गया है। इनमें 2060 उभयचर, 2120, पक्षी एवं 1277 स्तनधारी शामिल हैं।
  • यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के शोधकर्ता जेम्स एलेन के नेतृत्व में किए गए इस नए अध्ययन के मुताबिक पृथ्वी के 84 प्रतिशत धरातल पर मानव गतिविधियों का प्रभाव प्रजातियों पर पड़ा है। भारत का पश्चिमी घाट, हिमालय एवं पूर्वोत्तर जैव विविधता क्षेत्र भी इस श्रेणी में शामिल हैं और इस दृष्टिकोण से (प्रजातियों पर मानव का प्रभाव) विश्व में भारत 16वें स्थान पर है। अध्ययन के मुताबिक भारत में औसतन 35 प्रजातियां मानवीय गतिविधियों से प्रभावित होती हैं।
  • नए अध्ययन के मुताबिक विश्व की 1237 प्रजातियां अपने 90 प्रतिशत से अधिक पर्यावास में मानव गतिविधियों के कारण प्रभावित हुयी हैं।
  • प्रजातियों पर मानव के प्रभाव के मामले में मलेशिया प्रथम स्थान पर है जहां 125 प्रजातियां मानव प्रभाव से ग्रसित हैं।
  • कूल स्पॉट में शामिल हैंः आमेजन वर्षावन, एंडीज माउंटेन, टुंड्रा, रूस एवं दक्षिण अमेरिका का उदीच्य वन।
Map credit: University of Queensland

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