भारत-अमेरिका ‘कॉमकासा’ समझौता

  • भारत और अमेरिका के प्रतिनिधमंडल के बीच 6 सितंबर, 2018 को ‘2+2’ वार्ता का आयोजन प्रस्तावित है। यह बैठक पूर्व में कई बार स्थगित हो चुकी है।
  • 6 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली इस वार्ता में संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पॉम्पेओ एवं रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस हिस्सा लेंगे।
  • नई दिल्ली में होने वाली इस बैठक में दोनों देशों के बीच ‘संचार संगत एवं सुरक्षा समझौता’ यानी कॉमकासा (Communications Compatibility and Security Agreement:COMCASA) पर भी घोषणा होने की संभावना है, हालांकि इस पर हस्ताक्षर की संभावना कम दिख रही है।

क्या है कॉमकासा?

  • किसी देश के साथ प्रचालकीय सैन्य संबंध के लिए यूएसए तीन रक्षा समझौतों को आवश्यक मानत है। इसी में से एक समझौता है कॉमकासा (COMCASA)। दो अन्य समझौते हैंः लेमोआ यानी लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement :LEMOA) और ‘बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पपेटियल को-ऑपरेशन यानी ‘बेका’ (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-spatial Cooperation: BECA)। इनमें से लेमोआ पर दोनों देशों के बीच अगस्त 2016 में समझौता हो चुका है जिसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य अड्डों का इस्तेमाल कर सकती हैं। तीसरा समझौता ‘बेका’ पर अभी कोई वार्ता आरंभ नहीं हुई है।
  • यदि भारत के साथ अमेरिका का ‘कॉमकासा’ समझौता संपन्न होता है तो इससे भारत को यूएसए से संचार सुरक्षा उपकरण ट्रांसफर करने को वैधानिकता प्राप्त हो जाएगी जिससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच ‘अंतर-प्रचालकीयता’ (interoperability) संभव हो सकेगी।
  • इस समझौता के हो जाने से अमेरिका से आयातीत किसी भी रक्षा विमानों में अति सुरक्षित संचार उपकरण लगे होंगे। अभी अमेरिका से सी-130जे या पी8आई समुद्री निगरानी में कम सुरक्षित वाणिज्यिक उपकरण लगे हैं जिसे वजह से अन्य सैन्य मित्रों के साथ रियल टाइम डेटा साझा नहीं हो पाता।
  • यदि भारत अमेरिका से समुद्री गार्डियन ड्रोन का सैन्य संस्करण खरीदता है तब यह समझौता पर हस्ताक्षर होना जरूरी है।

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