तेलंगाना के दो सिंचाई केंद्रों को सिंचाई विरासत का दर्जा

  • अंतरराष्ट्रीय सिचाई व नहर आयोग (International Commission on Irrigation and Drainage-ICID) की अंतरराष्ट्रीय एक्सक्युटिव परिषद् की सास्कटून (कनाडा) में हुयी बैठक में तेलंगाना द्वारा नामित दो बांधों को ‘विरासत सिंचाई संरचना’ (ICID Register of Heritage Irrigation Structures) देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
  • ये दो बांध हैं; निर्मल जिला में गोदावरी नदी पर सदरमट्ट एनिकट (Sadarmatt anicut) तथा कामारेड्डी जिला में पेड्डा चेरूवु (Pedda Cheruvu)।
  • 1891-92 में निर्माण के समय से ही सदरमट्ट एनिकट बांध से खानपुर एवं कादेम में 13100 एकड़ अयाकुट को सिंचाई सुविधा प्राप्त हो रही है। एनिकट का मतलब है सिंचाई बांध। 437.4 मीटर लंबा इस बांध का निर्माण विकार उल उमरा बहादुर द्वारा किया गया था।
  • पेड्डा चेरूव बांध का निर्माण 1897 में मीर महबूब अली खान (हैदराबाद का छठा निजाम) द्वारा किया गया था। यह 618 एकड़ में फैला है। इस बांध से ही बाथुकम्मा उत्सव के लिए जल उपलब्ध हो पाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय सिचाई व नहर आयोग की स्थापना 1950 में हुयी थी। यह एक वैज्ञानिक, तकनीकी, अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी व गैर-सरकारी संगठन है। सिंचाई, नहर व बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में विश्व भर के विशेषज्ञों का संगठन है।

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