टाइप -2 पोलियो वायरस संक्रमण की जांच का आदेश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण के लिए उपयोग किए गए शीशियों में पाए जाने वाले टाइप -2 पोलियो वायरस संक्रमण की जांच का आदेश दिया है, और तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में अतिरिक्त टीकाकरण का आदेश दिया है।

  • सरकार ने नियम उल्लंघन के बाद निगरानी बढ़ा दी है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि पोलियो फिर से सक्रिय नहीं हो जाये इसलिए सभी संभावित सावधानी बरती जा रही है.
  • 1999 में भारत में अलीगढ़ से वैश्विक स्तर पर टाइप -2 जंगली पोलियो वायरस का अंतिम मामला दर्ज किया गया था।
  • भारत को 2014 में पोलियो मुक्त घोषित किया गया था और अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को रिपोर्ट की गयी थी जब हावड़ा के रुखसर टाइप -1 पोलियो वायरस से संक्रमित थे।
  • भारत ने 2016 में टाइप -2 वायरस को समाप्त घोषित कर दिया, और टाइप -2 पोलियो वायरस टीका (टीओपीवी-type-2 containing poliovirus vaccine: ToPV) अप्रैल 2016 में चरणबद्ध ढंग से समाप्त हो गई थी। भारत में अप्रैल 2016 के बाद पैदा हुए बच्चों में टाइप -2 पोलियो वायरस की कोई प्रतिरक्षा नहीं है।
  • पोलियो वायरस के तीन सीरोटाइप (serotypes) हैं, जिनमें से प्रत्येक पोलियो माइलाइटिस (poliomyelitis) का कारण बनता है।

क्या है पोलियो?

  • पोलियोमाइलिटिस अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो मुख्यतः बच्चों को प्रभावित करता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मल-मुंह से फैलता है।
  • पोलियो वायरस की तीन उपभेद हैंः पी 1, पी2 व पी-3।
  • वैश्विक स्तर पर 1999 में पी-2 का उन्मूलन हो गया।
  • पी-1 एवं पी-3 उपभेदों का सफलतापूर्वक उल्मूलन करने के पश्चात वर्ष 2014 में भारत को पोलियो उन्मुक्त देश घोषित किया गया।

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