एम. एस. स्वामीनाथन को पहला विश्व कृषि पुरस्कार

  • उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन को पहला विश्व कृषि पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद ने आरंभ किया है।
  • उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन ने हरित क्रांति की शुरूआत की और भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए मजबूत आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन के दृष्टिकोण और विचारों की स्पष्टता ने कृषि वैज्ञानिकों की एक पूरी पीढ़ी को आकर्षित किया है।
  • उपराष्ट्रपति ने नीति निर्माताओं का आह्वान किया कि कृषि को उच्च प्राथमिकता दी जाए क्योंकि यह क्षेत्र 50 प्रतिशत आबादी को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने आग्रह किया कि संसाधनों के आवंटन के समय ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रेरित करने के लिए कृषि को अत्यंत महत्व देने की जरूरत है। इसके साथ बुनियादी ढांचा, सिंचाई, निवेश, बीमा और ऋण उपलब्ध कराने को भी महत्व दिया जाना चाहिए।
  • विश्व कृषि पुरस्कार की शुरूआत भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद ने की है, जो उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने कृषि तथा उससे संबंधित सेवाओं के जरिए मानवजाति की सेवा की हो।

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