मातृत्व हितलाभ का सात सप्ताह का वेतन केंद्र सरकार वहन करेगी

  • केंद्र सरकार नियोजकों द्वारा दिए जा रहे मातृत्व हितलाभ के तहत 26 सप्ताह के बिना कार्य के मजदूरी में से सात सप्ताह का पारिश्रमिक वापस करने की घोषणा की है।
  • यह बढ़ोतरी 15,000 रुपए प्रतिमाह पारिश्रमिक वाली सरकारी एवं निजी क्षेत्र की महिला कर्मचारियों के लिए की गई है।
  • ज्ञातव्य है विगत वर्ष केंद्र सरकार ने मातृत्व हितलाभ अधिनियम 1961 के तहत गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भ के दौरान मिलने वाले 12 सप्ताह के सवेतन अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह सवेतन अवकाश कर दिया था। इसके पश्चात निजी क्षेत्र की कई कंपनियों ने बढ़ा हुआ हितलाभ देने से इंकार कर दिया और कई जगहों पर महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया।
  • इस तरह की शिकायत मिलने के पश्चात केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 26 सप्ताह में से सात सप्ताह का भार वहन करने का निर्णय लिया।
  • केंद्रीय महिला एवं बाल विकास सचिव राकेश श्रीवास्तव के अनुसार सरकार के पास पड़े श्रम कल्याण उपकर फंड का इस्तेेमाल इस हेतु करने का निर्णय लिया है।
  • मातृत्व हितलाभ अधिनियम 1961 (maternity benefit act 1961) के तहत सरकारी एवं निजी क्षेत्र में कार्य करने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान एवं प्रसव के उपरांत कुल 26 सप्ताह (संशोधित) पूर्ण वेतन सहित अवकाश देने का प्रावधान है। इसके अलावा उन्हें कई अन्य प्रकार के लाभ भी प्रदान किये जाते हैं जिनमें 3500 रुपए का चिकित्सा बोनस भी शामिल है।

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