आईएनएस अरिहन्त का पहला डेटरेंस पेट्रोल (निवारण गश्त) संपन्न

प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवंबर, 2018 भारत के स्ट्रेटजिक स्ट्राईक न्युकिल्यर सबमेरिन (SSBN) यानि नाभिकीय पनडुब्बीINS अरिहन्त के अधिकारियों और कर्मियों से मुलाकात की। INS अरिहन्त हाल ही में अपने पहले डेटरेंस पेट्रोल (निवारण गश्त) से लौटी है। पनडुब्बी के इस अभ्यास से भारत के नाभिकीय त्रिकोण (Nuclear Triad) की पूर्ण स्थापना हुई।

  • INS अरिहन्त के सफल अभियान से भारत के नाभिकीय त्रिकोण (nuclear triad) की स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने INS अरिहन्त के कर्मीदल तथा अभियान से जुड़े सभी व्यक्तियों को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि भारत को उन गिने-चुने देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ी करती है जो SSBN को डिज़ाइन करने, उसे बनाने और उसके संचालन करने की क्षमता रखते हैं।
  • प्रधान मंत्री ने कहा कि देश में ही SSBN के निर्माण और इसके सफल संचालन की क्षमता का विकास भारत की प्रोद्योगिकीय सामर्थ्य तथा सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच अभूतपूर्व समन्वय का प्रतीक है।

आईएनएस अरिहंत

  • आईएनएस अरिहंत परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल को ले जाने में सक्षम है।
  • एसएसबीएन गहरे समुद्र में परमाणु हथियार सहित बने रहने की क्षमता से युक्त है और देश को सुनिश्चित द्वितीय मारक क्षमता प्रदान करता है। सुनिश्चित द्वितीय मारक क्षमता से आशय है कि प्रथम परमाणु हमला झेलने के पश्चात हमला करने की क्षमता।
  • भारत के लिए सुनिश्चित द्वितीय मारक क्षमता महत्वपूर्ण है क्योंकि देश की परमाणु नीति में ‘पहले हमला नहीं’ (No First Use) का उल्लेख है।
  • आईएनएस अरिहंत 6000 टन का है और 83 मेगावाट दाबित हल्का जल परमाणु संयंत्र द्वारा संचालित है।
  • इस परियोजना पर 1980 के दशक में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पोत के रूप में काम आरंभ हुआ और वर्ष 2009 में तत्तकालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा इसे लॉन्च किया गया।
  • यह 750 किलोमीटर के रेंज वाली के-15 सागरिक मिसाइल से युक्त होगी।
  • इसकी डिजाइन रूसी अकुला-1 क्लास पनडुब्बी पर आधारित है।
  • नाभिकीय त्रिकोण ((Nuclear Triad): नाभिकीय त्रिकोण से आशय है तीन पक्षीय सैन्य-बल संरचना। तीन पक्ष में शामिल हैंः जमीन से प्रक्षेपित नाभिकीय मिसाइल, नाभिकीय मिसाइल हथियार वाली पनडूब्बी तथा नाभिकीय बम व मिसाइल युक्त सामरिक विमान।

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