नीति आयोग ने अभिनव भारत @75 के लिए कार्यनीति जारी की

केन्‍द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने नीति आयोग की अभिनव भारत @75 के लिए कार्यनीति 19 दिसंबर, 2018 को जारी की, जिसमें 2022-23 के लिए स्‍पष्‍ट उद्देश्‍यों को परिभाषित किया गया है।

  • यह 41 महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों का विस्‍तृत विवरण है, जो पहले से हो चुकी प्रगति को मान्‍यता प्रदान करती है, बाध्‍यकारी रुकावटों की पहचान करती है और स्‍पष्‍ट रूप से वर्णित उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने की दिशा के बारे में सुझाव देती है।
  • प्रधानमंत्री की ओर से किए गए 2022 तक अभिनव भारत की स्‍थापना के आह्वान से प्रेरणा और दिशा लेते हुए नीति आयोग ने पिछले साल कार्यनीति दस्‍तावेज का निरुपण करने की यात्रा प्रारंभ की।
  • इस कार्यनीति दस्‍तावेज में नीतिगत वातावरण में और सुधार लाने पर महत्‍वपूर्ण रूप से ध्‍यान केन्द्रित किया गया है, ताकि निजी निवेशक और अन्‍य हितधारक अभिनव भारत 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्‍यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी पूरी क्षमता के साथ योगदान दे सके और 2030 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्‍यवस्‍था बनाने की दिशा में आगे बढ़ा सके।
  • दस्‍तावेज के 41 अध्‍यायों को चार खंडों : वाहक (Drivers), अवसंरचना (Infrastructure), समावेशन (Inclusion) और गवर्नेंस (Governance) में विभाजित किया गया है।
  • वाहकों पर आधारित पहला खंड आर्थिक निष्‍पादन के साधनों, विकास और रोजगार, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवोन्‍मेष पारिस्थितिकी को उन्‍नत बनाने और फिनटेक तथा पर्यटन जैसे उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने संबंधी अध्‍यायों पर ध्‍यान केन्द्रित करता है।

वाहक (Drivers)

  • वाहकों से संबंधित खंड में की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:
    • वर्ष 2018-23 के दौरान लगभग 8 प्रतिशत सकल घरेलू उत्‍पाद – जीडीपी की विकास दर प्राप्‍त करने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था की गति को निरंतर तेजी से बढ़ाना। इससे अर्थव्‍यवस्‍था के आकार में वास्‍तविक अर्थ में विस्‍तार होगा और यह 2017-18 में 2.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2022-23 तक लगभग चार ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। सकल स्‍थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) द्वारा आंकी गई निवेश दरों में जीडीपी के मौजूदा 29 प्रतिशत में वृद्धि लाते हुए 2022 तक 36 प्रतिशत तक बढ़ाना।
    • कृषि क्षेत्र में, ई-राष्‍ट्रीय कृषि मंडियों का विस्‍तार करते हुए तथा कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम के स्थान पर कृषि उपज और मवेशी विपणन अधिनियम लाकर किसानों को ‘कृषिउद्यमियों’ में परिवर्तित करने पर बल दिया जाए।
    • ‘शून्‍य बजट प्राकृतिक खेती’ की तकनीकों पर दृढ़ता से बल देना जिससे लागत में कमी आती है, मृदा की गुणवत्ता में सुधार होता है तथा किसानों की आमदनी बढ़ती है। यह वातावरण के कार्बन को मृदा में ही रखने की एक जांची परखी पद्धति है।
    • रोजगार के अधिकतम साधनों का सृजन सुनिश्चित करने के लिए श्रम कानूनों का संहिताकरण और प्रशिक्षुताओं को बढ़ाने और विस्‍तार करने के प्रबल प्रयास किए जाने चाहिए।
    • खनन अन्‍वेषण और लाइसेसिंग नीति का पु‍नर्निर्माण करने के लिए ‘एक्‍सप्‍लोर इन इंडिया’ मिशन का आरंभ।

अवसंरचना (Infrastructure)

  • दूसरा खंड अवसंरचना से संबंधित है जो विकास के भौतिक आधारों का उल्‍लेख करता है जो भारतीय कारोबारों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ाने और नागरिकों के जीवन की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए महत्‍वपूर्ण है।
  • अवसंरचना से संबंधित खंड में की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:
    • पहले से मंजूर किए जा चुके रेल विकास प्राधिकरण (आरडीए) की स्‍थापना में तेजी लाना। आरडीए रेलवे के लिए एकीकृत, पारदर्शी और गतिशील मूल्‍य व्‍यवस्‍था के संबंध में परामर्श देने या सुविज्ञ निर्णय लेने का कार्य करेगा।
    • तटीय जहाजरानी और अंतर्देशीय जलमार्गों द्वारा फ्रेट परिवहन के अंश का दोहरा करना। बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार होने तक शुरुआत में, वायबिलिटी गैप फंडिंग उपलब्‍ध कराई जाएगी। परिवहन के विभिन्‍न साधनों को एकीकृत करने तथा मल्‍टी–मॉडल और डिजिटाइज्‍ड गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए आईटी-सक्षम मंच का विकास।
    • 2019 में भारत नेट कार्यक्रम के पूरा होने के साथ ही 2.5 लाख ग्राम पंचायतें डिजिटल रूप से जुड़ जाएंगी। वर्ष 2022-23 तक सभी सरकारी सेवाएं राज्‍य, जिला और ग्राम पंचायत स्‍तर पर उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य है।

समावेशन (Inclusion)

  • समावेशन से संबंधित खंड समस्‍त भारतीय नागरिकों की क्षमताओं में निवेश के अत्यावश्यक कार्य से संबंधित है। इस खंड के तीन विषय स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और परंपरागत रूप से हाशिए पर मौजूद आबादी के वर्गों को मुख्‍य धारा में लाने के आयामों के इर्द-गिर्द घूमते हैं।
  • समावेशन से संबंधित खंड में की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:
    • देश भर में 150,000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्‍थापना और प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य अभियान (पीएम-जेएवाई) प्रारंभ करने सहित आयुष्‍मान भारत कार्यक्रम का सफल कार्यान्‍वयन।
    • केन्‍द्रीय स्‍तर पर राज्‍य के समकक्षों के साथ सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फोकल प्‍वाइंट बनाना। समेकित चिकित्‍सा पाठ्यक्रम को प्रोत्‍साहन।
    • 2020 तक कम से कम 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्‍स की स्‍थापना के जरिए जमीनी स्‍तर पर नई नवोन्‍मेषी व्‍यवस्‍था सृजित करते हुए स्‍कूली शिक्षा प्रणाली और कौशलों की गुणवत्ता में सुधार लाना।
    • प्रत्‍येक बच्‍चे की शिक्षा के निष्‍कर्षों पर नजर रखने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक राष्‍ट्रीय शैक्षिक रजिस्‍ट्ररी की संकल्‍पना करना।
    • आर्थिक विकास पर विशेष बल देते हुए कामगारों के जीवन स्‍तर में सुधार लाने तथा समानता सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ही तरह शहरी क्षेत्रों में भी किफायती घरों को प्रोत्‍साहन देना।

गवर्नेंस (Governance)

  • गवर्नेंस से संबंधित अंतिम खंड में इस बात पर गहन चिंतन किया गया है कि विकास के बहेतर निष्‍कर्ष प्राप्‍त करने के लिए गवर्नेंस के ढांचों को किस तरह सुव्‍यवस्थित और प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाया जा सकता है।
  • गवर्नेंस से संबंधित खंड में की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:
    • उभरती प्रौद्योगिकियों के बदलते संदर्भ तथा अर्थव्‍यवस्‍था की बढ़ती जटिलताओं के बीच सुधारों का उत्तराधिकारी नियुक्‍त करने से पहले दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों का कार्यान्‍वयन करना।
    • मध्‍यस्‍थता की प्रक्रिया को किफायती और त्‍वरित बनाने तथा न्‍यायालय के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता का स्‍थान लेने के लिए मध्‍यस्‍थता संस्‍थाओं और प्रत्यायित मध्‍यस्‍थों का आकलन करने के लिए नए स्‍वायत्त निकाय यथा भारतीय मध्‍यस्‍थता परिषद की स्‍थापना।
    • लंबित मामलों को निपटाना- नियमित न्‍याय प्रणाली के कार्य के दबाव को हस्‍तांतरित करना।
    • भराव के क्षेत्रों को कवर करने, प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट और नगर निगम के अपशिष्‍ट तथा अपशिष्‍ट से धन सृजित करने की पहलों को शामिल करते हुए स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दायरे का विस्‍तार करना।

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