देश का 351 नदी खंड प्रदूषित-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

River Mithi (Photo credit: Wikimedia commons)
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आकलन के अनुसार देश में प्रदूषित नदी खंडों की संख्या दो वर्ष पहले के 302 से बढ़कर 351 हो गई है। वहीं गंभीर रूप से प्रदूषित खंडों, जहां पानी की गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में है, की संख्या 34 से बढ़कर 45 हो गई है।
  • 351 प्रदूषित नदी खंडों में से 117 तीन राज्यों महाराष्ट्र (53), असम (44) व गुजरात में है।
  • सीपीसीबी के आकलन के अनुसार देश में सर्वाधिक प्रदूषित नदी खंडों में शामिल हैं: मिथी नदी का पोवई से धारावी खंड जहां बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डीमांड-Biochemical Oxygen Demand) 250 mg/l है, गोदावरी का सोमेश्वर से राहेद राहेद खंड जहां बीओडी 5.0 से 80 mg/l है, साबरमती नदी का खेरोज से वाउथा नदी खंड जहां बीओडी 4.0 से 147 mg/l है, एवं हिंडन नदी का सहारणपुर से गाजियाबाद खंड जहां बीओडी 48.120 mg/l है।
  • उल्लेखनीय है कि सीपीसीबी 1990 के दशक से ही बीओडी मापन के आधार पर नदियों की गुणवत्ता की निगरानी का कार्यक्रम चला रहा है। नदी में जितना अधिक बीओडी होती है, नदी उतना अधिक प्रदूषित होती है।
  • नदी का स्वास्थ्य तथा जल उपचार उपायों की प्रभाविता बीओडी के स्तर के आधार पर ही वर्गीकृत किया जाता है। 30 एमजी/एल के बराबर या उससे अधिक का बीओडी स्तर को प्राथमिकता-1 की श्रेणी में रखा जाता है वहीं 3.1 से 6 mg/l को प्राथमिकता-5 श्रेणी में रखा जाता है।
  • 3 mg/l से नीचे के बीओडी स्तर को सीपीसीबी स्वस्थ नदी मानता है।

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