जैव प्रौद्योगिकी विभाग स्‍थापना दिवस के अवसर पर प्रमुख मिशनों की घोषणा

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 26 फरवरी, 2019 को नई दिल्‍ली में अपना 33वां स्‍थापना दिवस मनाया, जिसकी विषय वस्‍तु “सेलीब्रेटिंग बायोटेक्‍नोलॉजी : बिल्डिंग इंडियन एज एन इनोवेशन नेशन” रखी गई थी।
  • बीआरआईटीई (BRITE) पुरस्‍कार: इस अवसर पर केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवोन्‍मेष और प्रौद्योगिकी उत्‍कृष्‍टता (Biotechnology Research Innovation and Technology Excellence : BRITE) ) पुरस्‍कार प्रदान किए।
  • यूएनएटीआई: डॉ. हर्षवर्धन ने स्‍थापना दिवस समारोह में प्रमुख मिशनों की घोषणा की, जिनमें अटल जय अनुसंधान, बायोटैक मिशन-राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रासंगिक प्रौद्योगिकी नवोन्‍मेष उपक्रम (Atal JaiAnusandhan Biotech Mission – Undertaking Nationally Relevant Technology Innovation: UNaTI) शामिल है, जिसके अगले पांच वर्ष के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्रों में बदलाव की उम्‍मीद है।
    • इस मिशन में जीएआरबीएच-आईएनआई (GARBH-ini ) भी शामिल है। यह मिशन मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने और समय से पूर्व जन्‍म के लिए भविष्‍यवाणी करने वाले साधनों को विकसित करने संबंधी है,
    • आईएनडीसीईपीआई (IndCEPI)- यह मिशन स्‍थानीय बीमारियों के लिए सस्‍ते टीके विकसित करने के लिए है, बायोफोर्टिफाइड और प्रोटीन समृद्ध गेहूं का विकास-पोषण अभियान में योगदान शामिल है।
  • डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि विभाग ने हाल ही में विभिन्‍न संस्‍थानों में कौशल विकास केन्‍द्रों की स्‍थापना की है और कौशल विज्ञान कार्यक्रम के कार्यान्‍वयन के लिए राज्‍य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के साथ सहयोग किया है, जिसका उद्देश्‍य प्रविष्टि के स्‍तर पर छात्रों के लिए जैव प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में उपकरणों और तकनीक में प्रशिक्षित करने के लिए उच्‍च गुणवत्‍ता वाले हाथ प्रदान करना है। इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने डीबीटी क्रियाकलापों के बारे में एक लघु फिल्‍म का अनावरण किया, नई डीबीटी वेबसाइट शुरू की और काफी टेबल बुक जारी की।
  • डीबीटी सचिव डॉ. रेणु स्‍वरूप ने अपने उद्घाटन भाषण में अनुसंधान और अंतरण का आधार मजबूत करने तथा निरंतरता और आगे बढ़ने पर जोर दिया। उन्‍होंने नवोन्‍मेष और उद्यमिता को बढ़ावा देने में बीआईआरएसी की भूमिका को उजागर किया, जिसके परिणामस्‍वरूप 500 से अधिक स्‍टार्ट-अप्‍स, देश भर के 35 बायोइन्‍क्‍यूबेटरों को सहयोग मिला है।

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