स्वदेश दर्शन योजना के तहत पूर्वोत्तर सर्किट की दो महत्वपूर्ण योजनाओं का अरूणाचल प्रदेश में उद्घाटन

  • पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत दो प्रमुख परियोजनाओं का 15 नवंबर, 2018 को अरूणाचल प्रदेश के तवांग में पीटीएसओ झील में उद्घाटन किया गया।
  • ये परियोजनाएं हैः- पूर्वोत्तर सर्किटों का विकास- भालुकपोंग-बोमडिला- तवांग परियोजना और नफरा- सेप्पा- पप्पू, पासा, पक्के घाटियां – सांगडुपाटा- न्यू सगाली- ज़ीरो-योम्चा परियोजनाएं”।
  • इन परियोजनाओं का केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्फॉन्स, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री पेमा खांडू और अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री, श्री जकर जैमलिन ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
  • श्री के.जे. अल्फॉन्स ने कहा कि मंत्रालय के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और इस क्षेत्र में विदेशी पर्यटन आगमन में पिछले कुछ वर्षों के दौरान बढ़ोतरी का रुख दिखाई दिया है। वर्ष 2017 के दौरान जहां 1.45 लाख पर्यटक आए थे 2017 के दौरान 1.6 लाख विदेशी पर्यटक इस क्षेत्र में आए। इस प्रकार 2016 के मुकाबले 16.7 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई। 2017 में 95.47 लाख घरेलू पर्यटक इस क्षेत्र में आए जबकि 2016 में 77.71 लाख पर्यटक यहां आए थे। इस प्रकार 2016 की तुलना में 22.8 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई। पर्यटकों की बढ़ती हुई तादाद ने इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर जुटाए हैं।
  • भालुकपोंग-बोमडिला के विकास की 49.77 करोड़ रुपये लागत वाली इस परियोजना को पर्यटन मंत्रालय ने मार्च 2015 में मंजूरी दी थी। इस परियोजना के तहत मंत्रालय ने जांग, सोरंग मठ, लंपो, ज़ीमिथांग, बुमला पास, ग्रिट्संग टीएसओ झील, पीटीएसओ झील, थिंगबू और ग्रेन्खा हॉट स्प्रिंग और सेला झील में आवास, कैफेटेरिया, मार्गस्थ सुविधाएं अंतिम छोर तक जुड़ाव, पाथवे, शौचालय, बहुउद्देशीय हाल जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
  • नाफरा- सेपा-पप्पू, पासा, पक्के घाटियां- संगदूपोटा- न्यू सगाली- ज़ीरो-योम्चा की विकास परियोजना को दिसंबर 2015 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना की लागत 97.14 करोड़ रुपये थी।
  • मंत्रालय ने पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत सभी पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों को शामिल करके 1349.04 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मंत्रालय इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए अन्य केंद्रीय मंत्रालयों जैसे संस्कृति, पूर्वोत्तर विकास, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा नागर विमानन के साथ मिलकर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
  • स्वदेश दर्शन पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य एक योजनाबद्ध और प्राथमिकता वाले तरीके से देश में स्वदेश दर्शन योजना के तहत विषयगत सर्किट का विकास करना है। यह योजना 2014 -15 में शुरू की गई थी और आज तक मंत्रालय ने 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 5873.99 करोड़ रुपये की लागत वाली 53 परियोजनाओं को मंजूरी दी हैं।
  • इन परियोजनाओं में से 30 परियोजनाओं/प्रमुख घटकों के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इस क्षेत्र की विविधता, पर्यटन उत्पादों और इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति का उल्लेख करते हुए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेष प्रचार करता है। पर्यटन मंत्रालय ने पूर्वेत्तर क्षेत्र में पर्यटन और आतिथ्य सत्कार में कुशल कामगारों के सृजन के लिए होटल प्रबंधन और खाद्य शिल्प संस्थान भी स्थापित किए हैं।

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