कृषि अनुसंधान में ड्रोन के उपयोग के लिए इक्रीसैट को मंजूरी

नई दिल्ली, 17 नवंबर (इंडिया साइंस वायर): कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में भी अब ड्रोन्स के उपयोग के रास्ते खुल गए हैं। नागर विमानन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कृषि अनुसंधान गतिविधियों के लिए हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्ण कटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (इक्रीसैट) को ड्रोन की तैनाती करने के लिए सशर्त मंजूरी दे दी है।

इससे कृषि संबंधी शोध कार्य, आंकड़ों के संग्रह और फसलों की निगरानी का कार्य पहले से अधिक सटीक तरीके से हो सकेगा। इस संबंध में नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दूरस्थ पायलट विमान प्रणाली या ड्रोन का उपयोग करके इक्रीसैट अपने रिसर्च फील्ड के भीतर कृषि अनुसंधान गतिविधियों के लिए सशर्त रूप से आंकड़ों का संग्रह कर सकता है।

संस्थान को दी गई ड्रोन के उपयोग की यह छूट फिलहाल छह महीने की अवधि के लिए वैध है। यह छूट संस्थान को तभी मिल सकेगी, जब तक वह निर्धारित शर्तों पर सख्ती से अमल करता रहेगा। किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में, यह छूट समाप्त हो जाएगी।

नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने कहा है कि “ड्रोन का उपयोग भारतीय कृषि क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण से लेकर फसल उपज में सुधार जैसे क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभा सकता है। सरकार युवा शोधकर्ताओं को देश के 6.6 लाख से अधिक गांवों में कम कीमत के ड्रोन उपकरण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।” (इंडिया साइंस वायर)

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *