केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण (KBLPA) का गठन

केंद्र सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण (KBLPA) का गठन कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में 9 फरवरी को गजट भी जारी कर दिया है। इसके साथ बीस सदस्यीय संचालन सीमित भी गठित हुई है।

  • केबीएलपीए ही इस परियोजना संबंधी सभी कार्य करेगी। इसका संचालन बीस सदस्यीय समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय सचिव करेंगे।
  • समिति में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, वित्त विभाग, जनजातीय विभाग, विद्युत मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, पर्यावरण, मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य अभियंता (मुख्यालय) शामिल किए गए हैं। नीति आयोग का एक सदस्य भी इसमें रखा गया है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना वर्ष 2005 में मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश व भारत सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
  • केन, बेतवा एवं इनकी सहायक नदियों पर बांधों का निर्माण कर जल संग्रहित होगा। बुंदेलखंड क्षेत्र की जनता को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिलेगी।
  • दौधन बांध से लगभग 221 किमी लंबी केन-बेतवा लिंक नहर निकलेगी। झांसी में बरूआसागर के पास बेतवा नदी से जोड़ दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक देश की पहली राष्ट्रीय परियोजना है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के प्रमुख आवास का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पानी में डूब सकता है।
  • केन-बेतवा संपर्क परियोजना परियोजना से उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रवण क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा।
  • इस परियोजना के तहत 176 किलोमीटर की लिंक कनाल का निर्माण किया जाएगा, जिससे केन और बेतवा नदी को जोड़ा जा सके। सरकार का दावा है कि इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
  • इस परियोजना के चलते 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा साथ ही मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के करीब 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए पानी की जरुरत को पूरा किया जा सकेगा।

राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य योजना (NPP)

  • मंत्रालय द्वारा अगस्त, 1980 में तैयार अंतर-बेसिन जल अंतरण के माध्‍यम से जल संसाधन विकास के लिए राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य योजना (एनपीपी) के तहत एनडब्‍ल्‍यूडीए ने साध्‍यता रिपोर्ट तैयार करने हेतु 30 संपर्कों (प्रायद्वीपीय घटक के तहत 16 और हिमालयी घटक के तहत 14) की पहचान की है।
  • सर्वेक्षण और जांच के पश्‍चात् प्रायद्वीपीय घटक के तहत 14 संपर्कों और हिमालयी घटक में दो संपर्को की एफआर तैयार कर ली गई है।
  • संबंधित राज्‍यों की सहमति के आधार पर विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु चार प्राथमिक संपर्को जैसे केन-बेतवा संपर्क परियोजना (केबीएलपी) चरण-। और ।।, दमनगंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा संपर्क और महानदी-गोदावरी संपर्क की पहचान की गई है।

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