कॉर्पोरेट जगत के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पर नया नियम

भारत सरकार ने कॉर्पोरेट जगत को अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (corporate social responsibility: CSR) गतिविधियों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अनिवार्य किया है।

  • नए कदम से खर्च किए गए सीएसआर फंड और की गई गतिविधियों की एक व्यापक तस्वीर सरकार के सामने स्पष्ट हो सकती है।
  • कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के अनुसार, CSR2 फॉर्म पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) और उसके बाद के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को जमा किया जाना चाहिए।
  • वित्त वर्ष 2021 से संबंधित जानकारी के लिए, CSR2 को मार्च 2022 के अंत तक जमा करना होगा।
  • फॉर्म CSR2 को अन्य बातों के अलावा, कुछ कंपनियों को CSR समिति के गठन, उसकी बैठकों, अपनी वेबसाइट पर सीएसआर समिति गठित की गयी है या नहीं, सीएसआर नीति और स्वीकृत सीएसआर परियोजनाओं के बारे में जानकारी का खुलासा करना होगा।

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR)

  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत उन कंपनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत CSR (corporate social responsibility) गतिविधियों पर खर्च करना होता है जिनकी 500 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध संपत्ति हो , या 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का टर्नओवर हो या जिनके पिछले तत्काल तीन वर्षों के दौरान 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक का शुद्ध लाभ हुआ हो।
  • उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021 के लिए भारत इंक (1,619 कंपनियों) का सीएसआर खर्च तेजी से गिरकर 8,828.11 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2019 में 20,150.27 करोड़ रुपये (25,099 कंपनियों) के संचयी खर्च और वित्त वर्ष 2020 के 24,688.66 करोड़ (22,531 कंपनियों) से बहुत कम है।

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