बोस आइंस्टाइन कंडंसेट्स-अंतरिक्ष में पदार्थ की पांचवीं अवस्था की खोज


वैज्ञानिकों ने पहली बार अंतरिक्ष में पदार्थ की पांचवीं अवस्था का प्रेक्षण किया है जिससे क्वांटम ब्रह्मांड (quantum universe) की सर्वाधिक अनसुलझी पहेली को सुलझाने में मदद मिलेगी।

पदार्थ की पांचवीं अवस्था-बोस आइंस्टाइन कंडंसेट्स (Bose-Einstein condensates), जिसके अस्तित्व के बारे में अल्बर्ट आइंस्टाइन एवं सत्येंद्रनाथ बोस ने पूर्वानुमान किया था, का निर्माण तब होता है जब कुछ तत्वों को परम शून्य (Absolute Zero) तापमान तक ठंडा किया जाता है।

नई खोज को इस क्रम में समझा जा सकता है। जुलाई 2018 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आश्चर्यजनक उपलब्धि की घोषणा की थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पर सबसे ठंडी जगह का निर्माण किया था जो वस्तुतः अंतरिक्ष में सबसे ठंडी जगह थी।

तत्समय वैज्ञानिकों ने रूबिडियम नामक नरम तत्व के परमाणुओं को 100 नैनोकेल्विन के आसपास ठंडा किया था जो परम शून्य से केल्विन का महज एक करोड़वां हिस्सा ऊपर था। इससे अत्यधिक ठंडा बादल- बोस आइंस्टाइन कंडंसेट्स सामने आया जो कि पदार्थ की पांचवीं स्थिति है। इससे अल्ट्रा कोल्ड परमाणुओं की क्वांटम गुणधर्मों को समझने में मदद मिलेगी।

अब वैज्ञानिक इससे एक कदम आगे बढ़ गये हैं। जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के कोल्ड एटम प्रयोगशाला का उपयोग करते हुए वैज्ञानिकों ने बोस आइंस्टाइन कंडंसेट्स उत्पन्न करने के लिए परम शून्य तापमान से महज एक नैनोकेल्विन ऊपर की उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे।

बोस-आइंस्टाइन कंडंसेट्स बहुत विलक्षण है। इनका निर्माण बोसॉन से परम शून्य से अंश ऊपर (परम शून्य पर नहीं जहां परमाणु गति करना बंद कर देते हैं) होता है।

चूंकि क्वांटम मेकेनिक्स (quantum mechanics), जिसमें प्रत्येक कण को तरंग के रूप में वर्णित किया जा सकता है, को परमाण्विक स्केल पर प्रेक्षण करना आसान है, बोस-आइंस्टाइन कंडंसेट्स वैज्ञानिकों को बड़े स्तर पर क्वांटम व्यवहार अध्ययन का अवसर उपलब्ध करता है।

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