राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस 2018

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने 10 फरवरी, 2018 गुरुग्राम में राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस (National Deworming Day) का उद्घाटन किया।

  • राष्ट्रीय कृमि निवारण अभियान के तहत देश के 32 करोड़ बच्चों का फायदा मिलेगा। भारत सरकार प्रत्येक बच्चे को उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने और उसे देश के अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस

    • राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस के इस चरण में 32 करोड़ बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य है।
    • राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है।
    • राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस एक दिन का कार्यक्रम है जिसका मकसद बच्चों में इंटेस्टाइनल कृमि संक्रमण को दूर करना होता है.
    • हर वर्ष 10 फरवरी और 10 अगस्त को इस कार्यकर्म को आयोजित किया जाता है। फरवरी 2015 से पांच चक्रों में राष्ट्रीय क़ृमि निवारण दिवस को आयोजित किया गया है।
    • 2015 में राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस की शुरुआत की गई थी,जिसमें 11 राज्यों/ संघशासित क्षेत्रों के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए 1 से लेकर 19 वर्ष के उम्र के बच्चों को ध्यान में रखकर क्रियान्वित किया गया। उसके बाद से पूरे देश में इस कार्यक्रम को लागू किया गया है।
    • इस कार्यक्रम का लक्ष्य कम कीमत पर एसटीएच (Soil Transmitted Helminth: STH)) उपचार उपलब्ध कराना है जिसमे एल्बेंडजोल टैबलेट शामिल हैं। इस टैबलेट का कोई दुष्प्रभाव नहीं है और अगर किसी वजह से कोई डोज भूल जाता है तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय माप अप सेशंस आयोजित करता है ताकि कोई बच्चा छूट न जाए। एल्बेंडजोल टैबलेट के साथ साथ साफसफाई, शौचालयों के प्रयोग, जूता या चप्पल पहनने और हाथ धोने के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि दोबारा से संक्रमण न हो।
    • इसमें 1 से 19 उम्र समूह के बच्चों को शामिल किया जाता है और कृमि निवारण कार्यकर्म में स्कूल और आंगनवाड़ी से जुड़े सभी बच्चों को शामिल किया गया है। इन बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए उपचार मुहैया कराया जाता है। अगर कोई भी बच्चा किसी वजह से खासतौर से गैरहाजिर होने या बीमार होने की वजह से राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस में नहीं शामिल हो का उसे 15 फरवरी को दवा दी जाएगी।
    • पिछले वर्ष फरवरी 2017 के चक्र में 25.6 करोड़ बच्चों और अगस्त 2017 वाले चक्र में 22.8 करोड़ बच्चों तक पहुंचने का सफल प्रयास किया गया और उन्हें राष्ट्रीय कृमि निवारक दिवस पर कृमि निवारक उपचार मुहैया कराया गया।
    • सरकार की प्राथमिकता देश के सभी इलाकों में रहने वाले और उनके हालात को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है।




    • राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस सभी स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और दूसरे हितधारकों को स्वॉयल ट्रांसमिटेड हेल्मिंथ संक्रमण ( आम तौर पाया जाने वाला संक्रमण) के खात्मे के लिए निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा।
    • आंगनवाड़ी और स्कूल आधारित एक बड़े समूह के लिए कृमि निवारण कार्यक्रम सुरक्षित और लागत प्रभावी है इसके साथ ही आसानी से करोड़ों बच्चों तक पहुंचा जा सकता है।
    • कृमि निवारण के जरिए स्कूलों में अनुपस्थित पर लगाम लगी है इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और इसके जरिए कोई बच्चा आगे चलकर बेहतर नौकरी हासिल कर सकता है। कृमि निवारण के लिए एल्बेंडजोल की स्वीकार्यता पूरे विश्व में है इसके साथ ही ये लाभदायक और सुरक्षित होने के साथ कृमि से हुए संक्रमण का सामना करने के लिए प्रभावी भी है। लिहाजा राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस को इस तरह से डिजाइन किया है जिसमें बिना किसी भेद के सभी बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य शामिल है। इसके अलावा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, आंगनवाड़ियों को शामिल होने के साथ सभी राज्य सरकारें बच्चों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास करेंगी। देश के सभी प्राइवेट स्कूलों ने भी इस कार्यक्रम के प्रति अपनी रुचि दिखाई है ताकि उनके स्कूलों के बच्चे कृमि से मुक्त रहें।
    • साइड इफेक्ट्स: कृमि निवारण के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसके साथ रही कुछ बच्चों में खासतौर से ऐसे बच्चे जिनमें कृमि की समस्या ज्यादा हो वो मितली, पेट में हल्का दर्द डायरिया और कमजोरी का अनुभव कर सकते हैं। इन सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कुछ विशेष प्रोटोकाल के अनुपालन की व्यवस्था की है। कृमि निवारण के साथ साथ बच्चों में साफ सफाई के अभ्यास पर विशेष जोर दिया गया है ताकि वो कृमि समस्या का सामना न करें। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस दिशा में खुले में शौच से मुक्ति के लिए विशेष उपायों पर जोर दे रही है ताकि इस तरह के वातावरण का निर्माण हो सके जिससे किसी भी समुदाय को इस तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।स्वच्छ भारत के निर्माण में स्वच्छ भारत अभियान के जरिए जो कदम उठाए गए हैं उनके जरिए राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस के मकसद को हासिल करने में मदद मिलेगी।



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