निर्यात साख बीमा स्कीम ‘निर्विक’ का शुभारंभ

  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पियुष गोयल तथा राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने 16 सितंबर, 2019 को निर्यातकों के लिए ‘निर्यात साख बीमा योजना’ (Export Credit Insurance Scheme : ECIS) ‘निर्विक’ (NIRVIK) के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
  • इस योजना के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतरामरण ने 14 सितंबर, 2019 को घोषणा की थी।
  • इस योजना का उद्देश्य कर्ज की उपलब्धता को बढ़ाना तथा कर्ज देने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
  • इसमें 80 करोड़ रुपए से अधिक की सीमा वाले रत्न, आभूषण एवं हीरा सेक्टर के कर्जदारों को उच्चतर प्रीमियम दर प्राप्त होगा।
    यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उधार लेने वाले निर्यातकों के लिए विदेशी एवं रुपया क्रेडिट ब्याज दर क्रमशः 4 प्रतिशत एवं 8 प्रतिशत से कम रहे।

ईसीआईएस (ECIS) के तहत अन्य घोषणाएं

  • ईसीआईएस के तहत बीमा कवर प्रतिशत 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • बैंकों को और अधिक मदद देने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ईसीजीसी के जरिये कार्यशील पूंजी ऋणों के लिए बैंकों की बीमा रक्षा को 90 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इस कदम से निर्यातकों के लिए विदेशी मुद्रा और निर्यात ऋण (रुपये में) की ब्याज दर क्रमशः 4 प्रतिशत और 8 प्रतिशत से नीचे रहेगी। प्रोत्साहन पैकेज से बैंकों को, खास तौर से एमएसएमई क्षेत्रों के लिए निर्यात ऋण प्रदान करने में सुविधा होगी।
  • एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (ईसीजीसी) द्वारा जारी मौजूदा रक्षा वर्तमान उपभोक्ता बैंकों को प्राप्त होगी तथा इसी तरह की रक्षा अन्य बैंकों को भी उपलब्ध होगी। ईसीजीसी कवर के अंदर आने वाले सभी खातों को ईसीआईएस की रक्षा भी प्राप्त होगी।
  • इस रक्षा दायरे को बढ़ाया गया है जिसके तहत बकाया मूलधन के अलावा गैर-चुकता ब्याज (अधिकतम 2 तिमाहियों या एनपीए तिथि, जो भी पहले हो) ब्याज को भी रखा गया है। मूलधन और ब्याज, दोनों के संबंध में रक्षा दायरे का प्रतिशत मौजूदा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • प्री-शिपमेंट और पोस्ट-शिपमेंट दोनों के लिए ईसीआईएस के लिए एक एकल कवर दस्‍तावेज जारी किया जायेगा, जबकि वर्तमान में ईसीजीसी द्वारा दो अलग-अलग दस्‍तावेज जारी किये जाते हैं।
  • इस योजना में दावे के निपटान के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और बीमित बैंक द्वारा डिफ़ॉल्ट के मामले में अग्रिम के उपयोग के प्रमाण को प्रस्‍तुत करने के 30 दिनों के अंदर 50 प्रतिशत भुगतान करने की परिकल्पना की गई है।
  • ईसीआईएस सहायता 5 साल की अवधि के लिए लागू होगी और इसके समापन पर, बैंकों को नियमित सुविधाओं के अलावा मानक ईसीजीसी कवर भी उपलब्ध होगा।80 करोड़ से कम की सीमा वाले खातों के लिए प्रीमियम की दर 0.60 प्रतिवर्ष और 80 करोड़ से अधिक के लिए उसी बढ़े कवर पर यह दर 0.72 प्रतिवर्ष होगी।

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