अंतरर्देशीय जलमार्ग पर कोलकाता-पटना बना भारत का दूसरा कंटेनर कार्गो सेक्टर

  • खाद्य क्षेत्र की बड़ी कंपनियां, पेप्सिको इंडिया और इमामी एग्रोटेक लिमिटेड का 16 टीईयू कंटेनर कार्गो (16 ट्रक भार के समतुल्य) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से चलकर बिहार की राजधानी पटना स्थित अन्तर्देशीय जल परिवहन (अजप) टर्मिनल पहुंच जाएगा।
  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भाअजप्रा) का जलयान एमवी आरएन टैगोर 6 दिसंबर, 2018 को पेप्सिको और इमामी एग्रोटेक उत्पादों के साथ कोलकाता के गार्डन रीच जेट्टी से रवाना किया गया है। यह जलयान गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-1) पर 815 किलोमीटर की लंबी यात्रा के बाद 6-7 दिनों में पटना के अजप टर्मिनल पर पहुंचेगा। पटना स्थित गायघाट में भाअजप्रा के इंटर-मॉडल टर्मिनल पर इस कार्गो को उतारा जाएगा, जहां इसे आगे लोड किया जाएगा।
  • इससे पहले 12 नवंबर, 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता से चलकर वाराणसी पहुंचने वाले देश के पहले अजप कंटेनरयुक्त कार्गो को रिसीव किया था।
  • भारत के राष्ट्रीय जलमार्ग -1 पर, कोलकाता-पटना आईडब्ल्यूटी के कंटेनरयुक्त कार्गो संचालन की दृष्टि से मुख्य मूल एवं गंतव्य शहरों की जोड़ी की तरह विकसित हो गए है जबकि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर स्थित पटना-वाराणसी क्षेत्र के बीच कंटेनर कार्गो ढुलाई नियमित रुप से संचालित करने की योजनाएं लगभग पूरी होने वाली है।
  • जलमार्ग द्वारा कंटेनर कार्गो यातायात के प्रयोग के कई फायदे भी हैं। इसके प्रयोग से, जहां कार्गों की ढुलाई लागत कम लगती है वहीं मॉडल शिफ्ट करना भी आसान हो जाता है। जलमार्ग द्वारा कंटेनर कार्गों के ढुलाई में चोरी और क्षति होने की संभावना भी कम होती है साथ ही, कार्गो मालिक अपने कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर सकते हैं।

जल मार्ग विकास परियोजना

  • पोत परिवहन मंत्रालय, विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से हल्दिया से वाराणसी (1390 किलोमीटर) तक 5369 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी) को विकसित कर रही है।
  • इस परियोजना से 1500-2,000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाले जलयानों का वाणिज्यिक नौचालन संभव हो पाएगा।
  • कंटेनर कार्गों द्वारा ढुलाई से क्षेत्र के विकास और रोजगार में भी वृद्धि हो सकेगी।
  • विश्व बैंक के आर्थिक विश्लेषण के अनुसार, जेएमवीपी के प्रयासों के कारण 1.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है, जिनमें से 50,000 रोजगार केवल बिहार में ही सृजित होंगे।

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