अरुणाचल प्रदेश में छह रंगों में मिली एशियाटिक गोल्डेन कैट

  • अब तक अरुणाचल प्रदेश में एशियाटिक गोल्डेन कैट ( Asiatic golden cats) को केवल सुनहरा रंग का माना जाता था। परंतु अब ऐसा नहीं है।
  • इकोलॉजी नामक पत्रिका के जून 2019 संस्करण में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हाल में वैज्ञानिकों के एक दल ने अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में पांच और अलग-अलग रंगों की एशियाटिक गोल्डेन कैट को खोज निकाला है।
  • यह खोज जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन के भारतीयी वैज्ञानिक, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन तथा एक अंतरराष्ट्रीय कंजरवेशन चैरिटी के अभियान के दौरान की गई।
  • उपर्युक्त खोज वैज्ञानिकों में कौतुहल पैदा कर दिया है क्योंकि विश्व में किसी भी अन्य जगह पर जंगली बिल्ली की समान प्रजाति इतने सारे रंगों में प्राप्त हुयी है।
  • स्थानीय इदु मिश्मी जनजाति गोल्डेन कैट के विभिन्न रंगों से पहले से परिचित रहे हैं। उनका विश्वास रहा है कि यह बिल्ली, खासकर गहरे रंग की, अत्यधिक शक्तिशाली है, इसलिए वे इसका शिकार करने से बचते रहे हैं।
  • अलग-अलग रंगों वाली एशियाटिक गोल्डेन कैट को विभिन्न उप-प्रजातियां नहीं मानी गईं हैं क्योंकि ये समान क्षेत्र में रहती हैं और यहां तक कि एक-दूसरे से प्रजनन भी करती हैं। परंतु यदि ये दूसरे रंग वाली कैट से प्र्रजनन नहीं करती हैं तब दूसरी उप-प्रजाति के रूप में विकास की प्रक्रिया आरंभ हो सकती है।

एशियाटिक गोल्डेन कैट के बारे में

  • एशियाटिक गोल्डेन कैट का वैज्ञानिक नाम कैटोपुमा तेम्मिन्किी (Catopuma temminckii) है।
  • आईयूसीएन की लाल सूची में इसे निकट संकटापन्न (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है।
  • यह प्रजाति पूर्वी नेपाल से लेकर पूर्वोत्तर भारत तथा इंडोनेशिया में पाई जाती है।

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