केरल के चिन्नार वन्यजीव अभ्यारण्य में पहली बार श्रीलंकाई फ्रॉगमाउथ पक्षी

Sri Lankan Frogmouth (Photo credit: Wikimedia commons)
  • श्रीलंकाई फ्रॉगमाउथ पक्षी प्रजाति को चिन्नार वन्यजीव अभ्यारण्य (Chinnar Wildlife Sanctuary) में देखा गया है। इससे पक्षीविज्ञानी काफी आश्चर्य चकित हैं।
  • अब तक श्रीलंकाई फ्रॉगमाउथ, बात्रकोस्टोमस मोनोलाइगर (Sri Lankan Frogmouth, Batrachostomus moniliger) को पश्चिमी घाट के पश्चिमी हिस्सा में ही देखा जाता रहा है किंतु पहली बार इसे पश्चिमी घाट के पूर्वी हिस्सा में भी देखा गया है। आरंभ में इसे नाइटजर समझा गया परंतु निकट अवलोकन के पश्चात इसके श्रीलंकाई फ्रॉगमाउथ होने की पुष्टि हुई।
  • यह पक्षी प्रजाति नाइटजार (Nightjar), नामक गोधूलि एवं निशाचर (crepuscular and nocturnal bird ) पक्षी का संबंधी है जो कि यूरोप एवं शीतोष्ण एशिया में प्रजनन के लिए ख्यात है। इसका पंसदीदा पर्यावास शुष्क एवं खुला क्षेत्र है जहां छोटे पेड़ एवं झाडि़यां मौजूद होते हैं।
  • नाइटजार के समान ही श्रीलंकाई फ्रॉगमाउथ का मुख्य आहार कीट है जिसे यह रात्रि के दौरान शिकार करता है। इस पक्षी की सबसे खास विशेषता यह है कि अप्रैल-मई में प्रजनन के पश्चात वर्ष भर में यह केवल एक अंडा देती है। अंडा से बच्चा के निकलने के पश्चात नर फ्रागमाउथ घोसला को नष्ट कर बच्चे के साथ उड़ जाता है।
  • इस पक्षी का विशिष्ट पर्यावास श्रीलंका में है। केरल के थाट्टेकाड पक्षी अभ्यारण्य में भी इसकी उपस्थिति मानी जाती थी। यह कर्नाटक, गोवा एवं महाराष्ट्र में भी पाई जाती है।

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