भ्रष्टाचार सूचकांक 2018ः भारत की 78वीं रैंकिंग

  • भ्रष्टाचार निगरानी संगठन ट्रांसपरेेंसी इंटरनेशनल द्वारा 29 जनवरी, 2019 को जारी ‘भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2018’ (Corruption Perceptions Index 2018) में विगत वर्ष के मुकाबले भारत की रैंकिंग में तीन अंकों का सुधार हुआ है।
  • वर्ष 2017 में भारत 81वें स्थान पर था। अब वह विश्व के 180 देशों में 78वें स्थान पर आ गया है।
  • भारत के स्कोर में भी 1 अंक का सुधार हुआ है। वर्ष 2017 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे, वर्ष 2018 में उसे 41 अंक प्राप्त हुए हैं।
  • भारत के बारे में सूचकांक में कहा गया है कि वर्ष 2011 में व्यापक जन लामबंदी, जिसमें लोगों ने सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग और जन लोकपाल एक्ट लाने की मांग, के पश्चात अब मामला ठंडा पड़ गया है।
  • सूचकांक में सर्वोच्च स्थान डेनमार्क को प्राप्त हुआ है जिसका स्कोर 88 है। दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड है जिसे 87 स्कोर प्राप्त हुआ है। तीसरे स्थान पर 85 स्कोर के साथ फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडेन एवं स्विटजरलैंड है।
  • सूचकांक में सबसे भ्रष्ट देश सोमालिया है जिसका स्कोर 10 है। सीरिया एवं दक्षिण सूडान का स्कोर 13 है।
  • ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल द्वारा वर्ष 1995 से भ्रष्टाचार सूचकांक जारी किया जाता रहा है। वर्ष 2018 का सूचकांक 13 सर्वेक्षणों एवं विशेषज्ञों के मूल्यांकन पर आधारित है। यह विश्व के 180 देशों में पब्लिक सेक्टर के प्रति व्यावसायियों की धारणा पर आधारित है।
  • भ्रष्टाचार सूचकांक में देशों को 0 से 100 स्कोर दिया जाता है। शून्य सर्वाधिक भ्रष्टाचार का सूचक है जबकि 100 स्कोर अति स्वच्छ का सूचका है।

 

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