इरीट्रिया और सेंट किट्स एंड नेविस ने अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर हस्‍ताक्षर किए

अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अध्‍यक्ष और भारत सरकार के विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री श्री आर.के. सिंह ने सौर ऊर्जा की बढ़ती अहमियत पर विशेष जोर दिया है।

श्री आर.के. सिंह 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance: ISA ) की दूसरी सभा में बोल रहे थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का समर्थन करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्‍न कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसे भारत ने फ्रांस के साथ मिलकर लॉन्‍च किया था।

दो देशों यथा इरीट्रिया और सेंट किट्स एंड नेविस ने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही अब तक 83 देशों ने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2022 तक बढ़ाकर 175 गीगावाट करने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया तथा इसे और ज्‍यादा बढ़ाकर 450 गीगावाट के स्‍तर पर पहुंचाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। आज भारत को सौर ऊर्जा क्षमता और कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शुमार किया जाता है। पारदर्शी टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के जरिए बिजली खरीद की सुविधा की बदौलत सौर और पवन ऊर्जा की लागत में उल्लेखनीय कमी आई है। भारत वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्‍त करने के पथ पर तेजी से अग्रसर है। भारत यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है कि आईएसए अपने केंद्रित विजन और कार्रवाई उन्मुख दृष्टिकोण के जरिए सतत ऊर्जा, ऊर्जा की कमी और जलवायु परिवर्तन के रूप में मानवता के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने में सफल साबित हो।

अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन

आईएसए की स्‍थापना भारत की पहल के बाद हुई है। इसकी शुरुआत संयुक्‍त रूप से पेरिस में 30 नवम्‍बर, 2015 को संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु सम्‍मेलन के दौरान सीओपी-21 से अलग भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने की थी। इस संगठन का उद्देश्‍य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। साथ ही ऐसे देश जो पूरी तरह या आंशिक तौर पर कर्क रेखा और मकर रेखा के मार्ग में पड़ते है एवं सौर ऊर्जा के मामले में समृ‍द्ध हैं, उनसे बेहतर तालमेल के जरिए सौर ऊर्जा की मांग को पूरा करना है। 

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