गीतकार व कवि गोपाल दास नीरज सक्सेना का निधन

  • गीतकार, कवि एवं लेखक गोपाल दास नीरज सक्सेना का 93 वर्ष की आयु में 19 जुलाई, 2018 को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया।
  • उनका जन्म 4 जनवरी, 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा के पुरावली में हुआ था।
  • वे अलीगढ़ के धर्म समाज कॉलेज में हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे।
  • वर्ष 2012 में अलीगढ़ स्थित मंगलयातन विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे।
  • उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने दिए। इनमें कुछ प्रमुख हैं; ए भाई जरा देख चलो (मेरा नाम जोकर-1970), फूलों के रंग से (प्रेम पूजारी-1970), मेरा मन तेरा प्यासा (गैम्बलर-1971), लिखे जो खत तुझे (कन्यादान-1968)।
  • उन्हें वर्ष 1970 में काल का पहिला घूम रे भइया (चंदा और बिजली), 1971 में बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं (पहचान) व 1972 में ए भाई, जरा देख के चलो (मेरा नाम जोकर) जैसे गीतों के लिए उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  • गोपाल दास नीरज को वर्ष 1991 में पद्मश्री एवं वर्ष 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • उपर्युक्त के अलावा 1994 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने यशभारती सम्मान से भी सम्मानित किया।
  • उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं; प्राणगीत, विभावरी, अंतरध्वनी व संघर्ष। इसके अलावा गीत जो गाये नहीं, नीरज रचनावली, नीरज की गीतिकाएं, बच्चन यात्री अग्निपथ का, बादर बरस गयो, ज्योतिष तत्व विवेक उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं।

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