डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण की मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर, 2018 को एक प्रस्ताव पारित कर देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती अगले वर्ष शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकारों और विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ समारोह मनाए जाएंगे। गुरु नानक देवजी की प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे की शिक्षाओं का शाश्वत मूल्य है।

  • मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की निम्नलिखित विशेषताएं हैं : –

करतारपुर साहिब गलियारे का विकास

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण और उसके विकास को मंजूरी दे दी ताकि भारत से तीर्थ यात्री आसानी से पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जा सकें जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे। इसके बाद तीर्थ यात्री पूरे वर्ष इस पवित्र गुरुद्वारे में जा सकेंगे।
  • करतारपुर गलियारे का कार्य सरकार की सहायता से एक संयुक्त विकास परियोजना के रूप में किया जाएगा ताकि सभी आधुनिक सुविधाओं वाले इस मार्ग से तीर्थ यात्री सुगमता और सरलता आ-जा सकें। सरकार तीर्थयात्रियों की आसानी के लिए उपयुक्त सुविधाएं देगी। पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया गया है कि वह सिख समुदाय की भावनाओं को समझे और उचित सुविधाओं के साथ अपने क्षेत्र में भी एक गलियारा विकसित करे।
  • उल्लेखनीय है कि करतारपुर गलियारे का पहला प्रस्ताव 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तब दिया था जब वे बस से अमृतसर से लाहौर पहुंचे थे। बाद में पाकिस्तान सरकार ने भी अपने हिस्से में इस गलियारे के निर्माण की घोषणा की है।
  • पाकिस्तान इस गलियारे का निर्माण भारतीय सीमा से करतारपुर साहिब तक बनाएगा जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम समय व्यतीत किए थे।
  • इस गलियारा की लंबाई पाकिस्तान में 4.3 किलोमीटर व भारत में 1.5 किलोमीटर होगी।
    इसे गलियारा से साल के सभी दिन तीर्थयात्रीं वीजा मुक्त यात्र कर सकेंगे।

सुल्तानपुर लोधी का विकास

  • केन्द्रीय मंत्रिंमडल ने यह भी फैसला किया कि गुरुनानक देवजी के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोधी को भी ऊर्जा दक्षता सहित स्मार्ट सिटी की तर्ज पर एक धरोहर शहर विकसित किया जाएगा जिससे यह पता चल सके कि गुरुनानक देवजी सदैव प्रकृति की निरंतरता और उससे प्रेम करने पर जोर देते थे। तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण के रूप में, सुल्तानपुर लोधी में एक धरोहर परिसर, “पिंड बाबे नानक दा” की स्थापना की जाएगी जिसमें उनके जीवन को दर्शाया जाएगा। सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जाएगा और उसे सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा।

अंतर संप्रदाय अध्ययन केंद्र और विदेशी विश्वविद्यालयों में पीठ

  • गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में अंतर मत अध्ययनों का एक केन्द्र स्थापित किया जाएगा। ब्रिटेन और कनाडा की एक-एक यूनिवर्सिटी में गुरुनानक देवजी की एक पीठ स्थापित की जाएगी। उनकी जीवन और शिक्षाओं पर नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा।

देश-विदेश में समारोह

  • राज्य /संघ शासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को शानदार तरीके से मनाएं। विदेशों में भारतीय दूतावास इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

स्मारक सिक्का और डाक टिकट

  • सरकार इस यादगार अवसर पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करेगी।

धार्मिक कार्यक्रम और प्रकाशन

  • देशभर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दूरदर्शन गुरु नानक देवजी पर कार्यक्रम और गुरुवाणी का प्रसारण करेगा। नेशनल बुक ट्रस्ट विभिन्न भारतीय भाषाओं में गुरुवाणी का प्रकाशन करेगा। यूनेस्को से अनुरोध किया जाएगा कि वह दुनिया की भाषाओं में गुरु नानक देवजी की रचनाओं को प्रकाशित करे।

तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन

  • रेल मंत्रालय तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक ट्रेन चलाएगा जो गुरु नानक देवजी से जुड़े विभिन्न धार्मिक स्थलों से गुजरेगी।

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