103वां संविधान संशोधनः सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप पिछडों को 10 प्रतिशत आरक्षण

  • भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछडे़ वर्ग के छात्रों को उच्चतर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण संबंध 103 संविधान संशोधन अधिनियम को 12 जनवरी, 2019 को मंजूरी दे दी। यह 103वां संविधान संशोधन होगा।
  • इससे पहले संसद् ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछडे़े लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी 124वां संविधान संशोधन विधयेक को पारित कर दिया था।
  • इस विधेयक को 8 जनवरी, 2019 को लोकसभा ने तथा 9 जनवरी को राज्यसभा ने पारित किया। राज्यसभा में 165 सदस्यों ने इसके पक्ष मत दिया जबकि सात सदस्यों ने विरोध में मत दिया। संविधान संशोधन विधेयक के होने के कारण इसे दो-तिहाई बहुमत से पारित होना था।
  • चूंकि इस विधेयक के माध्यम संविधान के अनुच्छेद 15 व अनुच्छेद 16 में संशोधन किया गया है इसलिए इसे लागू करने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी नहीं है। अनुच्छेद 368 (संविधान संशोधन) के प्रावधानों के अनुसार मौलिक अधिकारों (भाग 3) में संशोधन के लिए आधे से अधिक राज्यों की अभिपुष्टि जरूरी नहीं है। इसलिए राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही यह लागू हो गया है।
  • इस संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 15 के तहत एक नया क्लॉज 6 जोड़ा गया है जिसमें उच्चतर शिक्षण संस्थानों जिनमें निजी संस्थान भी शामिल हैं में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद 16 में भी एक नया क्लॉज 6 जोड़ा गया है जिसमें सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *