तमिलनाडु में आयोडीन नमक का सबसे कम कवरेज

  • देश में नमक उत्पादन व आयोडीन उपभोग पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान तथा आईसीसीआईडीडी (ICCIDD) के साथ न्यूट्रिशनल इंटरनेशनल द्वारा कराए गए अपनी तरह का पहला अध्ययन जारी किया गया है।
  • इस अध्ययन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैंः
    • देश में नमक के सर्वाधिक उत्पादक राज्यों में आयोडीन नमक उपभोग सबसे कम है।
    • देश में सर्वाधिक 71 प्रतिशत नमक का उत्पादन गुजरात में होता है। उसके पश्चात 17 प्रतिशत राजस्थान में तथा 11 प्रतिशत तमिलनाडु नमक का उत्पादन होता है। शेष अन्य राज्यों में केवल 1 प्रतिशत नमक का उत्पादन होता है।
    • अध्ययन के मुताबिक देश के 76.3 प्रतिशत परिवार पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नमक का उपभोग करते हैं। आयोडीन पर्याप्त मात्रा से आशय है 15 पार्ट्स प्रति मिलियन आयोडीन वाला नामक।
    • आयोडीन नमक का सर्वाधिक उपभोग करने वाले परिवार जम्मू कश्मीर (99.8 प्रतिशत), नगालैंड (99.7 प्रतिशत), मणिपुर (99.5 प्रतिशत) व मिजोरम (99.2 प्रतिशत) में है।
    • आयोडीन नमक का सबसे कम उपभोग करने वाले परिवार तमिलनाडु (61.9 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (63.9 प्रतिशत), राजस्थान (65.5 प्रतिशत) व ओडिशा (65.8 प्रतिशत) में है।

आयोडीन की जरूरत

  • उल्लेखनीय है कि मानव के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आयोडीन महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक है।
  • आयोडीन की कमी से घेंघा, हाइपरथाइरोयाडिज्म, क्रेटिनिज्म, गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म, मानसिक मंदता जैसी बीमारियां होती है।
  • भारत में प्रत्यक्ष उपभोग में आयोडीन युक्त नमक ( fortification of salt) वर्ष 1993 में अनिवार्य किया गया। हालांकि 2000 में नियमों में छूट दे गई लेकिन फिर 2005 में इसे अनिवार्य कर दिया गया। वर्ष 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए आयोडीन के सार्वभौमिकरण को अनिवार्य कर दिया था।

आयोडीन उपभोग

(Data Source: The Hindu)

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