एनरिका लेक्सी दुर्घटना पर पर्मानेंट कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन निर्णय

हेग स्थित पर्मानेंट कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन (पीसीए) ने 2 जुलाई को निर्णय दिया है कि फरवरी 2012 में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों को भारत में लाने की कोशिश नहीं की जाएगी, और इन्हें इटली में आपराधिक मुकदमा का सामना करना पड़ेगा।

लेकिन पैनल ने भारत के इस दावे के साथ भी सहमति व्यक्त की “एनरिका लेक्सी” जहाज ने मछली पकड़ने की नाव पर गोली चलाकर समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के तहत नेविगेशन अधिकारों की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया था। साथ ही पीसीए ने मारे गए दो मछुआरों और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

एनरिका लेक्सी दुर्घटना

एनरिका लेक्सी दुर्घटना (Enrica Lexie incident) फरवरी 2012 में हुई, जब इतालवी तेल टैंकर एनरिका लेक्सी, केरल के तट से दूर भारतीय मछुआरों के जहाज के मार्ग में आया । इतालवी जहाज के दो इतालवी नौसैनिकों ने गोली चलायी जिसमें दो मछुआरे अजेश बिंकी और वेलेंटाइन मारे गए।

क्या है पर्मानेंट कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन (पीसीए)?

अंतर्राष्ट्रीय विवादों के मध्यस्थता के द्वारा निपटान के लिए पीसीए (Permanent Court of Arbitration-PCA) की स्थापना प्रथम हेग शांति सम्मेलन के दौरान 1899 में की गई थी।

पीसीए मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करने वाला पहला स्थायी अंतर सरकारी संगठन था।

पीसीए देशों, सरकारी संस्थाओं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी पक्षों के विवादों के अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थता के माध्यम से समाधान हेतु प्रशासनिक सहायता प्रदान करता है।

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