देश में दस स्‍वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्‍टर लगाने के लिए शासकीय और वित्‍तीय मंजूरी

केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री जितेन्‍द्र सिंह द्वारा 19 जुलाई 2018 को राज्‍यसभा में दिए गए लिखित उत्‍तर के अनुसार केंद्र सरकार ने देश में दस स्‍वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्‍टर लगाने के लिए शासकीय और वित्‍तीय मंजूरी जून, 2017 में दी।

  • इन रिएक्‍टरों में से प्रत्‍येक की क्षमता 700 मेगावॉट है। स्‍वदेशी तकनीकी से निर्मित ये 10 रिएक्‍टर भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से लगाए जाएंगे। एनपीसीआईएल भारत सरकार के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाला सार्वजनिक उपक्रम है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत काम करता है।
  • कैगा और गोरखपुर में रिएक्‍टर के लिए जमीन उपलब्‍ध है, जबकि चुटका और माही बांसवाड़ा में भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा होने को है। चुटा एक और दो तथा जीएचएवीपी तीन और चार परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी प्राप्‍त हो चुकी है। अन्‍य स्‍थानों के लिए पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया विभिन्‍न चरणों में है। इसके अतिरिक्‍त निर्माण में प्रयुक्‍त होने वाले उपकरणों तथा मानव संसाधन नियोजन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
  • भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम द्वारा निर्माणाधीन 500 मेगावॉट क्षमता वाले प्रोटोटइम रिएक्‍टर के जल्‍द पूरा होने तथा दस नये रिएक्‍टरों के तैयार हो जाने पर साल 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22480 मेगावॉट हो जाएगी।

इन रिएक्‍टरों का निम्‍नलिखित स्‍थानों पर बनाया जाना प्रस्‍तावित है :

स्‍थान और राज्‍य परियोजना क्षमता (मेगावॉट)
चुटका (मध्‍य प्रदेश) चुटका एक और दो 2 X 700
कैगा (कर्नाटक) कैगा – पांच और छह 2 X 700
माही बांसवाड़ा (राजस्‍थान) माही बांसवाड़ा – एक और दो 2 X 700
गोरखपुर (हरियाणा) जीएचएवीपी- तीन और चार 2 X 700
माही बांसवाड़ा (राजस्‍थान) माही बांसवाड़ा – तीन और चार 2 X 700

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