मानव विकास रिपोर्ट 2020ः भारत 131वें स्थान पर


वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 के मानव विकास सूचकांक (Human Development Index-HDI) में विश्व के 189देशों में भारत 131वें स्थान पर है। वर्ष 2018 में भारत 129वें स्थान पर था। यूएनडीपी के अनुसार भारत की रैंकिंग में गिरावट का मुख्य कारण अन्य देशों का बेहतर प्रदर्शन है। मानव विकास रिपोर्ट 2020 वस्तुतः वर्ष 2019 के सूचकांक पर आधारित है।

  • एचडीआर स्कोरः वर्ष 2019 के लिए भारत का एचडीआई मान 0.645 है, और भारत को मध्यम मानव विकास श्रेणी में शामिल किाया गया है।
  • जारीकर्त्ताः 16 दिसंबर, 2020 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) 2020 जारी की गई।
  • थीमः रिपोर्ट की थीम हैः ‘द नेक्स्ट फ्रंटियर-ह्यूमन डेवलपमेंट एंड द एंथ्रोपोसीन’ है।
  • सर्वोच्च स्थानः मानव विकास सूचकांक 2019 में नॉर्वे सबसे ऊपर है, इसके बाद आयरलैंड और स्विट्जरलैंड हैं। हांगकांग और आइसलैंड शीर्ष पांच स्थानों में शामिल हैैं।
  • ग्रहीय दबाव-समायोजित एचडीआई (PHDI)-नया मीट्रिकः पहली बार, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने प्रत्येक देश के प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और पदचिह्न तथा उसके कारण होने वाले प्रभाव को दर्शाने के लिए एक नई मीट्रिक (Planetary Pressures-adjusted HDI: PHDI) शुरू की है।
  • एचडीआर घटकः एचडीआई मानव विकास के तीन बुनियादी पहलुओं पर औसत उपलब्धि को मापता है। ये तीन बुनियादी पहलू हैंः जीवन प्रत्याशा, शिक्षा (स्कूलिंग का प्रत्याशित वर्ष और स्कूलिंग का माध्य वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय।
  • भारत की प्रति व्यक्ति आयः भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय वर्ष 2018 की 6,829 डॉलर से गिरकर 2019 में 6,681 डॉलर हो गई। प्रतिव्यक्ति आय क्रय शक्ति तुल्यता (पीपीपी) के आधार पर है।
  • जन्म के समय भारत की जीवन प्रत्याशाः भारत में जन्म के लिए जीवन प्रत्याशा वर्ष 2019 में 69.7 वर्ष थी। 1990 से 2019 के बीच जन्म के समय भारत की जीवन प्रत्याशा में 11.8 वर्ष की वृद्धि हुई।
  • मल्टी-डायमेंसनल गरीबीः भारत की 27.9% आबादी बहुआयामी गरीबी में जीवन यापन कर रही है। दैनिक 1.9 डॉलर पीपीपी आय को इसमें शामिल किया जाता है।
  • भारत में सौर क्षमताः वर्ष 2019 में स्थापित सौर क्षमता के दृष्टिकोण से भारत पांचवें स्थान पर रहा। भारत में सौर क्षमता मार्च 2014 में 2.6 गीगावाट से बढ़कर जुलाई 2019 में 30 गीगावाट हो गई थी। इस तरह भारत ने निर्धारित समय से चार साल पहले 20 गीगावाट का लक्ष्य प्राप्त कर ली।

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