अपतटीय पवन ऊर्जा पर भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग समझौते को मंजूरी दी

  • केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 15 अप्रैल 2019 को अपतटीय पवन ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोग व जलवायु मंत्रालय के बीच रणनीतिक सहयोग समझौते को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने भारत में ‘भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्‍सिलेंस फॉर रिन्‍यूअबल एनर्जी’ की स्‍थापना के आशय-पत्र को भी मंजूरी प्रदान की। इस समझौते पर मार्च 2019 में नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किये गये थे।
  • सहयोग समझौते का उद्देश्‍य अपतटीय पवन ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। सहयोग के क्षेत्रों में अपतटीय पवन परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए तकनीकी क्षमता विकसित करना, उच्‍च कार्यकुशलता के साथ पवन ऊर्जा उद्योग (तटीय व अपतटीय दोनों) को विकसित करने के उपाय, पवन टर्बाइन, कलपुर्जे और प्रमाणीकरण की उच्‍च गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के उपाय तथा अपतटीय पवन के बारे में भविष्‍यवाणी करना व समयसारणी बनाना आदि शामिल हैं।
  • भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्‍सिलेंस नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के मूल्‍यांकन का काम करेगा। अपतटीय और तटवर्ती पवन पर विशेष ध्‍यान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्‍त यह केन्‍द्र पवन, सौर, जल-विद्युत और भंडारण तकनीक को आपस में जोड़ने, नवीकरणीय ऊर्जा को उच्‍च स्‍तर के पवन ऊर्जा से एकीकृत करने, जांच और अनुसंधान तथा कौशल विकास/क्षमता निर्माण करने पर भी विशेष ध्‍यान देगा।
  • दस्‍तावेज़ों पर हस्‍ताक्षर से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान करने में सहायता मिलेगी।

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