कृषि व विर्निमाण क्षेत्र के वाहनों के लिए दो प्रकार के ईंधन उपयोग अधिसूचित

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कृषि व विर्निमाण क्षेत्र के वाहनों के लिए दो प्रकार के ईंधन के उपयोग की अधिसूचना जारी की है।
  • इन वाहनों में ट्रैक्टर, पावर टिलर, विनिर्माण उपकरण वाहन और कंबाइन हारवेस्टर शामिल हैं।
  • इन वाहनों में प्राथमिक ईंधन के रूप में डीजल और दूसरे ईंधन के रूप में सीएनजी या बायो सीएनजी का उपयोग होता है।
  • केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 115 ए और 115 बी को संशोधित किया गया है तथा इसमें नये नियम 115 एए और 115 बीबी को जोड़ा गया है।
  • इस निर्णय से वाहनों में बायो-ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और इससे लागत तथा प्रदूषण में कमी आएगी।
  • अधिसूचना के अनुसार दो प्रकार के ईंधन का उपयोग करने वाले वाहनों के धुएं और भाप से संबंधित उत्सर्जन मानक, डीजल से चलने वाले वाहनों के समान ही होंगे।
  • केवल एक अंतर यह है कि हाईड्रोकार्बन के स्थान पर एनएमएचसी (गैर-मीथेन हाइड्रोकार्बन) को जोड़ा गया है।
  • नियम 115 ए में इसकी विस्तृत व्याख्या की गयी है। नियम 115 ए में वर्णित सूक्ष्म कणों तथा धुएं के उत्सर्जन से संबंधित मानक दोहरे ईंधन वाले वाहनों पर भी लागू होगा।
  • सीएनजी, बायो-सीएनजी या एलएनजी आधारित किट की वैधता अवधि 3 वर्षों की होगी।
  • वाहन का निर्माण करने वाली कंपनी या किट लगाने वाली कंपनी सुरक्षा मानकों तथा ईंजन व किट उपकरणों की जिम्मेदार होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मई में संशोधन से प्रभावित होने वाले लोगों से आपत्तियों और सुझावों को आमंत्रित किया था।

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