प्रधानमंत्री ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को राष्ट्र को समर्पित किया

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2018 को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को राष्ट्र को समर्पित किया।
  • लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर 182 मीटर की उनकी प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में राष्ट्र को समर्पित की गई। इस प्रतिमा के शिल्पी है। राम वी सुतार जी।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मिट्टी और नर्मदा नदी के पानी को कलश में भरकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर प्रतिमा के वर्चुअल अभिषेक की शुरूआत की।
  • प्रधानमंत्री ने वॉल ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने संग्रहालय तथा प्रदर्शनी और दर्शक दीर्घा को भी देखा। यह दीर्घा 153 मीटर ऊंची है और एक साथ इसे 200 आगुंतक देख सकते है। यहां से सरदार सरोवर बांध, इसके जलाशय तथा सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
  • प्रधानमंत्री ने प्रशासनिक सेवाओं के बारे में सरदार पटेल के दृष्टिकोण का स्मरण किया। उन्होंने कहा की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उन किसानों के सम्मान का प्रतीक है जिन्होंने प्रतिमा के लिए अपनी जमीन से मिट्टी और लोहा प्रदान किया। उन्होंने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मंत्र से ही भारत के युवा अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने इस प्रतिमा के निर्माण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा पर्यटन का अपार अवसर प्रदान करेगी।
  • उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अतिरिक्त नई दिल्ली में सरदार पटेल को समर्पित संग्रहालय, गांधीनगर में महात्मा मंदिर और दांडी कुटीर, बाबा साहेब अम्बेडर को समर्पित पंचतीर्थ, हरियाणा में सर छोटू राम की प्रतिमा तथा कच्छ में श्यामजी कृष्ण वर्मा और वीर नायक गोविन्द गुरू की स्मारकों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सुभाष चन्द्र बोस की स्मृति में संग्रहालय बनाने, मुम्बई में शिवाजी की प्रतिमा और देशभर में जनजातीय संग्रहालयों के निर्माण का काम प्रगति पर है।

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